रायपुर,25 जुलाई। विधानसभा मानसून सत्र के चौथे दिन गुरुवार को सदन में एक महत्वपूर्ण सवाल उठाया गया, जिसमें सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) और नई पेंशन योजना (एनपीएस) के विकल्पों पर चर्चा की गई। कांग्रेस विधायक उमेश पटेल द्वारा पूछे गए इस सवाल का उत्तर वित्त मंत्री चौधरी ने दिया।
सवाल और जवाब
उमेश पटेल ने पूछा कि प्रदेश सरकार द्वारा शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए एनपीएस के स्थान पर ओपीएस पेंशन योजना कब से प्रारंभ की गई है और इसके तहत क्या प्रावधान किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने यह भी जानना चाहा कि केन्द्र सरकार से राज्य सरकार को कितनी राशि प्राप्त होनी है और पेंशन की गणना किस योजना के तहत की जा रही है।
वित्त मंत्री चौधरी ने अपने लिखित उत्तर में बताया कि छत्तीसगढ़ शासन, वित्त विभाग की अधिसूचना 11 मई 2022 द्वारा शासकीय अधिकारी/कर्मचारी के लिए एनपीएस के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना 01.11.2004 से बहाल की गई है। इसके साथ ही, 20 जनवरी 2023 की अधिसूचना द्वारा ओपीएस पेंशन के लिए प्रावधान किए गए हैं। पीएफआरडीए से कुल राशि रूपये 20160 करोड़ राज्य सरकार को प्राप्त होनी है।
पेंशन की गणना
वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि पुरानी पेंशन योजना का चयन करने वाले सेवानिवृत्त अधिकारियों/कर्मचारियों की पेंशन की गणना छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1976/छत्तीसगढ़ (कार्यभारित तथा आकस्मिकता से वेतन पाने वाले कर्मचारी) पेंशन नियम, 1979 अनुसार की जाएगी। वहीं, एनपीएस का चयन करने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन की गणना एनपीएस योजना के प्रावधान अनुसार होगी। पेंशन योग्य नियमित शासकीय स्थापना में पदग्रहण तिथि से गणना की जा रही है।
कर्मचारियों का विकल्प
ऐसे कर्मचारी जिनको वर्ष 2018 में शासकीय सेवक माना गया है, उनके पेंशन निर्धारण हेतु सेवा की गणना शासन के पेंशन योग्य स्थापना में नियुक्ति दिनांक से होगी। इसके अलावा, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शासकीय सेवक द्वारा एक बार दिया गया विकल्प अंतिम और अपरिवर्तनीय होगा।
यह निर्णय सरकारी कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे उन्हें अपनी पेंशन योजना चुनने का स्पष्ट मार्गदर्शन मिलेगा। इसके साथ ही, यह फैसला राज्य सरकार और कर्मचारियों के बीच पारदर्शिता और विश्वसनीयता को भी बढ़ाएगा।
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