कृषि के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव रखने वाले रायबरेली जिले के राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के प्रभारी अधिकारी शिव शंकर वर्मा (बीएससी एजी डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद) बताते हैं कि बरसात के सीजन में बाजारों में सब्जी की आवक कम हो जाती है. परंतु कुछ ऐसी सब्जियां है जिन्हें किसान बारिश के मौसम में भी उगाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
शिव शंकर वर्मा बताते हैं कि बैंगन की कई प्रजातियां बाजार में मौजूद है. लेकिन बारिश के मौसम में किसान एक खास प्रजाति पीपीसी किस्म के बैंगन की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इस प्रजाति के बैंगन की खासियत है कि इसमें कांटे नहीं होते तथा इसका पौधा 25 से 30 सेंटीमीटर लंबा होता है.
साथ यह पौधा रोपाई के 60 से 65 दिन बाद फसल उत्पादन देना शुरू कर देता है. इसी के साथ ही किसान पूसा क्रांति प्रजाति के बैंगन की भी खेती कर सकते हैं. यह प्रजाति बारिश के मौसम में अच्छा उत्पादन देती है. इस प्रजाति के पौधे 15 से 20 सेंटीमीटर लंबे होते हैं.
शिव शंकर वर्मा बताते हैं कि स्वर्ण शक्ति किस्म भी उन्नत प्रजाति मानी जाती है. इस प्रजाति के बैंगन का वजन लगभग 100 से 200 ग्राम तथा प्रति हेक्टेयर 700 से 750 क्विंटल तक उपज देती है. यह प्रजाति रोपाई के 55 दिन में उत्पादन देने लगती हैं. इसी के साथ ही एक अन्य प्रजाति पर्पल क्लस्टर ,पूसा श्यामला प्रजाति के बैंगन की खेती जुलाई महीने में करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
शिव शंकर वर्मा बताते हैं कि जुलाई के महीने में बैंगन की खेती करने वाले किसान उस खेत का चयन करें जहां पर जल निकासी की व्यवस्था अच्छी हो .इसके बाद खेत की अच्छे तरीके से जुताई कर दें. सड़ी हुई गोबर की खाद का मिश्रण बनाकर खेत में मिला दें. उसके बाद पंक्तिवार पौधे की रोपाई कर दें. इस जुलाई के महीने में बैंगन के पौधे की रोपाई करने पर यह सितंबर के अंतिम सप्ताह तक उत्पादन शुरू हो जाएगा.
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