सीखने और सपनों को हासिल करने के लिए विद्यार्थी जीवन से बेहतर कोई मुहावरा नहीं है – डॉ. संजय गुप्ता



कोरबा, 23 जुलाई I इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में सीसीए एक्टिविटी के तहत कक्षा चौथी एवं पांचवी के विद्यार्थियों के लिए आशु भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने विभिन्न ज्वलंत समस्याओं एवं भावी योजनाओं पर अपने प्रेरक विचार व्यक्त किए।विद्यार्थियों ने पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी बाटोंनको रोचक ढंग से श्रोताओं के समक्ष रखा।सभी विद्यार्थियों की प्रस्तुति काबिले तारीफ थी। विद्यार्थियों ने बेरोजगारी ,नारी सशक्तिकरण,डिजिटल इंडिया, स्वच्छता का महत्व, नैतिक मूल्यों का अवमूल्यन शिक्षा का महत्व, जीवन में अनुशासन का महत्व सोशल मीडिया का प्रभाव, आधुनिक नारी के बढ़ते कदम, फैशन और आज के युवा वर्ग जैसे रोचक विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए ।विद्यार्थियों ने अपनी धारा प्रवाह प्रस्तुति से सभी का दिल जीत लिया।विद्यार्थियों की प्रस्तुति से ही उनके भविष्य के प्रति सोच का आंकलन किया जा सकता था।

इस पूरी प्रतियोगिता को सुचारू ढंग से सम्पन्न करने में विद्यालय की प्री प्राइमरी एवं प्राइमरी की सीसीए प्रभारी श्रीमती सोमा सरकार के साथ ही कार्यरत शिक्षिकाओं का विशेष सहयोग रहा। विद्यार्थियों को मोटिवेट कर स्टेज में फुल ऑफ कॉन्फिडेंस के साथ परफॉर्म करने में विद्यालय की शिक्षिकाओं का विशेष सहयोग रहा। आशुभाषण प्रतियोगिता में विजित विद्यार्थियों को एक विशेष समारोह में सत्रांत में प्रस्कृत किया जाएगा। पूरी प्रतियोगिता का आयोजन सीसी प्रभारी मिस खुशबू एवं मिस मौसमी के सहयोग से भी संपन्न हुआ।


विद्यालय की प्राइमरी एवं प्री प्राइमरी कोऑर्डिनेटर श्रीमती सोमा सरकार ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि संचार कौशल व्यक्तिगत और व्यावसायिक सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं ।सार्वजनिक रूप से बोलना एक बहुत ही आम डर है , ठीक मकड़ियों और ऊंचाइयों के समान। बहुत से लोग खड़े होकर लोगों की भीड़ के सामने बोलने के बजाय लगभग कुछ भी करना पसंद करेंगे। भाषण देना डरावना और जोखिम भरा लग सकता है।
जैसे-जैसे भाषण करीब आता है, डर और असुरक्षाएं बढ़ती जाती हैं: “क्या होगा अगर मैं अपना भाषण भूल जाऊं?” “क्या होगा अगर मैं दर्शकों के सवालों का जवाब नहीं दे पाऊं?” सार्वजनिक भाषण खुद को यह दिखाने का एक तरीका है कि अभ्यास के साथ, आप उन चीजों को कर सकते हैं जो आपको सबसे ज्यादा डराती हैं। जो एक दुःस्वप्न के रूप में शुरू होता है वह व्यक्तिगत बढ़ावा में बदल सकता है। आशु भाषण खुद को समझने का और दूसरों को अपनी बात समझने का एक अच्छा माध्यम है।


विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने कहा कि आशु भाषण सर न सिर्फ विद्यार्थियों की तर्क शक्ति का विकाश होता है अपितु उनमें आत्मविश्वास का भी संचार होता है।उनके वक्तव्य से उनके भावी सच का पता चलता है।उनके मन की झिझक दूर होती है।सार्वजनिक भाषण कई स्तरों पर व्यक्तिगत विकास का एक शानदार तरीका है , क्योंकि संचार कौशल में सुधार जीवन के लगभग हर क्षेत्र में सहायक होता है। चाहे आपका लक्ष्य राजनीतिक बहस में शामिल होना हो, प्रेरक वक्ता के रूप में अपना करियर बनाना हो या दर्शकों के सामने आत्मविश्वास हासिल करना हो, सार्वजनिक भाषण आपको अपने लक्ष्य को पूरा करने में मदद कर सकता है।
प्रभावी सार्वजनिक भाषण कौशल कैरियर में उन्नति में सहायक हो सकते हैं, क्योंकि वे रचनात्मकता, आलोचनात्मक चिंतन कौशल, नेतृत्व क्षमता, संतुलन और व्यावसायिकता जैसे गुणों का संकेत देते हैं, जो नौकरी बाजार के लिए बहुत मूल्यवान हैं।
कार्यक्रमों और सम्मेलनों में बोलना विश्वसनीयता बनाने का एक अच्छा तरीका है। जितना ज़्यादा मशहूर कार्यक्रम होगा उतना ही बेहतर होगा, क्योंकि आप इन भाषण उपलब्धियों को अपने रिज्यूमे में जोड़ सकते हैं।

सार्वजनिक रूप से बोलना भी आपको काम पर अलग दिखने में मदद कर सकता है। आप बैठकों में बोलना, अपने विचारों को बढ़ावा देना और खुद को एक पेशेवर के रूप में पेश करना सीखेंगे। बोलने का कौशल आपको नौकरी के साक्षात्कार में भी बेहतर प्रदर्शन करने में मदद कर सकता है ।सार्वजनिक भाषण आलोचनात्मक सोच कौशल विकसित करने का एक शानदार तरीका है। भाषण लिखने के लिए दर्शकों के विश्लेषण से लेकर समापन वाक्य तक बहुत सावधानी से सोचना पड़ता है। संदेश देना ही काफी नहीं है, आपको यह भी पता लगाना होगा कि अपने दर्शकों की ज़रूरतों के हिसाब से संदेश को कैसे ढाला जाए।
आप अपने श्रोताओं के लिए अपनी बातों को कैसे प्रासंगिक बना सकते हैं? आप श्रोताओं को अपने विचारों को समझने में कैसे मदद कर सकते हैं? अगर आप अपनी बोलने की शैली के बारे में गंभीरता से सोचना शुरू करते हैं, तो आप घर और काम पर अपनी सामान्य संचार शैली को बेहतर बनाने के तरीके खोज सकते हैं।