UP और बिहार में बाढ़ से लोग बेहाल, गोंडा में 14 हजार लोग मुसीबत में, शाहजहांपुर में दिल्ली-लखनऊ हाईवे बंद

नईदिल्ली,13 जुलाई। उत्तर प्रदेश और बिहार में बाढ़ से लोग बेहाल हैं। उफान मारती नदियां मुसीबत बनी हुईं हैं। अनेक गांवों में लोग घरों में कैद से हो गए हैं। इससे जनजीवन प्रभावित हुआ है। नदियों का जल स्तर बढऩे से आवागमन मुश्किल हो गया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें बचाव कार्य में लगी हुई हैं। उत्तर प्रदेश के गोंडा में घाघरा नदी एल्गिन ब्रिज पर खतरे के निशान से छह सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। कटान का खतरा बढ़ता जा रहा है।बाढ़ के पानी से घिरे 18 गांवों के 14 हजार लोगों की परेशानी बढऩे की आशंका है। सरयू नदी की धारा धीरे-धीरे बांध की तरफ बढ़ रही है। नदी कटान करती हुई सैकड़ों बीघा कृषि योग्य भूमि को अपने में समाहित कर चुकी है। शाहजहांपुर में अब तक हालात नहीं सुधर सके हैं। पीलीभीत के दियोनी डैम के पानी से उफनाई गर्रा नदी के कारण शुक्रवार को भी जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा।दिल्ली-लखनऊ हाईवे के बरेली मोड पर तीन फीट तक पानी होने से वाहनों का आवागमन दूसरे दिन भी बंद रहा। विकल्प के रूप में मीरानपुर कटरा-जलालाबाद होकर वाहनों को दिल्ली-लखनऊ रूट पर भेजा जा रहा है। दोपहर को शहर से जलालाबाद जाने वाला मार्ग भी चार फीट पानी में डूब गया। गर्रा पुल के आसपास की स्थिति विकराल होती दिख रही, इसलिए वहां भी रास्ता बंद कर दिया गया।उत्तर प्रदेश में लखीमपुर जिले के पलियाकलां में बेबस भाइयों ने राह रोकती बाढ़ के बीच कंधे पर बीमार बहन को लादकर पांच किलोमीटर का सफर तय किया, लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था। बाढ़ की विभीषिका का अंदाजा केवल इसी घटना से लगाया जा सकता है कि लबालब सडक़ों और पगडंडियों के बीच राह तलाश कर भी इलाज तक पहुंचने में इतनी देर हो गई कि बहन ने प्राण त्याग दिए। बिहार में भी नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी है। पश्चिम चंपारण जिले में वाल्मीकि गंडक बैराज से शुक्रवार की दोपहर 3.42 लाख क्यूसेक छोड़े गए पानी से गंडक नदी के तटवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति है। बैराज के सभी फाटकों को खोल दिया गया है। इससे दर्जनभर से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है। इससे करीब 500 परिवार बाढ़ में फंसे हैं।कुछ दिन कमजोर पडऩे के बाद हिमाचल प्रदेश में मानसून फिर सक्रिय हुआ है।

रोहतांग, शिंकुला व बारालाचा दर्रे में हल्का हिमपात हुआ, जबकि जुब्बड़हट्टी में 21 मिलीमीटर, मनाली में 20 और धर्मशाला में 12.6 मिलीमीटर वर्षा हुई। प्रदेश में 10 सडक़ें यातायात के लिए बंद हैं। जोशीमठ के पास अवरुद्ध बदरीनाथ राजमार्ग पर करीब 84 घंटे बाद शुक्रवार शाम को यातायात सुचारु हो गया। पहले जोशीमठ और फिर बदरीनाथ की तरफ फंसे वाहनों को रवाना किया गया। राजमार्ग के दोनों तरफ तीन हजार से अधिक यात्री रास्ता खुलने का इंतजार कर रहे थे। सीमा सडक़ संगठन (बीआरओ) की टीम ने यहां चार दिन तक कार्य करते हुए पहाड़ी को काटकर सडक़ तैयार की है।

यात्रियों के वाहनों को एनडीआएफ और एसडीआएफ की निगरानी में गुजारा जा रहा है।

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