जिला पंचायत सीईओ ने किया मटियाबहरा का औचक निरीक्षण

0.आजीविका गतिविधियों पर आधारित प्रशिक्षण सह कार्यशाला में की शिरकत

धमतरी,13 जुलाई। नगरी विकासखंड के ग्राम मटियाबाहरा में वन संसाधन एवं आजीविका गतिविधियों पर केन्द्रित प्रशिक्षण सह कार्यशाला में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोमा श्रीवास्तव ने शिरकत की। इस दौरान महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान में कार्यरत तकनीकी सहायक, पी.आर.पी., खोज संस्था, प्रदान संस्था, प्रेरक संस्था, आदिवासी विकास विभाग, वन विभाग, रेंजर एवं बीटगार्ड, जनपद पंचायत मगरलोड एवं नगरी, लाईलीहुड कालेज, बैंक ऑफ बड़ौदा आरसेटी, कृषि विभाग, बी.आर.एल.एफ., एग्रोकेट सोसायटी मुख्य रूप से प्रशिक्षण के प्रतिभागी के रूप में सम्मिलित हुए।

सी.ई.ओ. श्रीवास्तव ने वन आाधारित संसाधन एवं आजीविका गतिविधियों का विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए कहा कि सभी विभाग एवं स्वयंसेवी संस्था समन्वय बनाकर वन संसाधन अधिकार पर कार्य करना सुनिश्चित करें और अपने विभागीय योजनाओं को किस प्रकार से परिलक्षित करें ताकि वन आधारित संसाधन एवं आजीविका का संवर्धन आसानी से किया जा सके। उन्होंने जनमन मॉडल बसाहटों में सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पर मगरलोड विकासखंड के ग्राम पंचायत भण्डारवाड़ी, बोदलबाहरा एवं कल्लेमेटा में वन संसाधन प्रबंधन समिति के साथ योजना से जुड़े विभागों को बैठक करने कहा गया।

प्रशिक्षण सत्र में आदिवासी विभाग द्वारा ग्रामसभा को मिलने वाले सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के महत्व एवं उद्देश्य पर विस्तार पूर्वक बताया कि-अनुसूचित जनजाति व अन्य परंपरागत वन निवासी अधिनियम के अंतर्गत सामुदायिक वन संसाधन अधिकार का प्रावधान है जो किसी सामुदायिक वन संसाधन की रक्षा, पुनरूद्धार, संरक्षण एवं प्रबंधन का अधिकार देता है। सी.एफ.आर.आर. के दावा प्रक्रिया के संबंध में बताया गया कि-ग्राम सभा से ही चयनित वन अधिकार समिति के सदस्य सहयोग करते हैं। गांव की पारंपरिक सीमा का जी.पी.एस. का नक्शा, ग्राम सभा से अनुमोदन उपरांत उपखंड स्तरीय समिति में अनुमोदन पश्चात जिला स्तरीय समिति के अनुमोदन से उक्त अधिकार पत्र प्रदाय किया जाता है। वन विभाग द्वारा वनोपज के समर्थन मूल्य व बाजार मूल्य का तुलनात्मक विवरण के साथ बताया गया कि जनवरी से दिसम्बर माह तक होने वाले सभी वनोपज जैसे-आंवला, हर्रा, बेहड़ा, महुआ, ईमली, तेंदूपत्ता, फुटु, बोड़ा, टोरी, माहुल पत्ता, तिखुर जो वनोपज आधरित है का विक्रय हेतु जानकारी दिया गया।

बैंक ऑफ बड़ौदा आरसेटी धमतरी द्वारा ग्रामीण बी.पी.एल. परिवार के बेरोजगार युवक-युवतियों एवं स्वसहायता समूह की महिलाएं जिनकी आयु 18 से 45 वर्ष तक है को विभिन्न ट्रेडों में आवासीय निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जायेगा। जैसे-महिला सिलाई प्रशिक्षण, रूई का खिलौना बनाने का प्रशिक्षण, पापड़ आचार एवं मसाला पाउडर, बकरी पालन, रेफ्रीजरेशन एवं एयर कंडीशनिंग, इलेक्ट्रिक मोटर रिवांडिंग एवं रिपेयरिंग सर्विस, एल.एम.व्ही. मोटर ड्राइवर, पाली हाउस एवं शेड नेट खेती, मछलीपालन, वाणिज्यिक फूलों की खेती, डेयरी फार्मिंग एवं वर्मीं कम्पोस्ट निर्माण, मुर्गी पालन, एफएलसीआरपी के लिए वित्तीय साक्षरता प्रशिक्षण कार्यक्रम, मोबाईल फोन रिपेयरिंग एवं सेवा, फास्ट फूड स्टाल उद्यमी, सामान्य उद्यमिता कार्यक्रम, सब्जी नर्सरी प्रबंधन और खेती, मशरूम उत्पादन, फोटो फ्रेमिंग लेमिनेशन एवं स्क्रीन प्रिंटिंग, प्लंबिंग एवं सेनेटरी कार्य, घरेली अगरबत्ती निर्माण, बांस और बेत शिल्प बनाना, मोमबत्ती निर्माण, महिला सिलाई प्रशिक्षण, कास्ट्यूम ज्वेलरी उद्यमी, फोटोग्राफी एवं विडियोग्राफी, बढ़ईगिरी, डेस्कटाप प्रकाशन, औषधि एवं सुगंधित पौधों की खेती, ब्यूटीपार्लर प्रबंधन, सामान्य उद्यमिता कार्यक्रम, पुरूष सिलाई प्रशिक्षण, विकलांग व्यक्तियों के लिए उद्यमिता विकास कार्यक्रम, कम्प्यूटरीकृत लेखांकन (टैली), कृषि उद्यमी, जूट प्रोडक्ट उद्यमी जैसे ट्रेडों में प्रशिक्षणार्थियों को आधार कार्ड, शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंक पासबुक की छाया प्रति, चार पासपोर्ट साईज की फोटोग्राफ दस्तावेज उपलब्ध कराना होगा।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा महिला स्वसहायता समूहों को अपने निजी आवश्यकताओं हेतु ऋण उपलब्धता की जानकारी दी गई। वन आधारित संसाधन एवं आजीविका गतिविधियों के प्रशिक्षण में ग्राम मटियाबाहरा को सामुदायिक वन संसाधन मिलने के पश्चात प्रबंधन हेतु कार्य योजना ग्रामवासियों की उपस्थिति में बनाये जाने की जानकारी दिया गया। वन क्षेत्र को विभिन्न खण्डों में विभाजित कर बारग्राफ संदर्भ केन्द्र में प्रदर्शित कर क्षेत्र में वन के घनत्व को दर्शाया गया जिससे वन प्रबंधन में सरलता लाई जा सके। कृषि विभाग द्वारा भी परंपरागत कृषि विकास योजनांतर्गत 03 साल की कार्ययोजना बनाया गया है जिसमें क्लस्टर स्तर पर जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लोगों को प्रेरित किये जाने की बात कही गई। नगरी विकासखंड के ग्राम भैंसामुड़ा को कार्य योजना में शामिल करने शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।

इस प्रशिक्षण सहकार्यशाला में खोज स्वयंसेवी संस्था, प्रदान संस्था, मोबाईल क्रैश संस्था, प्रेरक संस्था, समर्पित संस्था द्वारा भी संबंधित जानकारी विस्तार से दिया गया।