कोरबा, 12 जुलाई। आकांक्षी जिला कोरबा में एजुकेशन सिस्टम शिक्षकों के कमी की वजह से सिसक रहा है।शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में प्रधानपाठकों के स्वीकृत 336 (करीब 17 फीसदी ) पद रिक्त पड़े हैं तो वहीं सहायक शिक्षक एवं शिक्षकों के 1853 (करीब 33 फीसदी ) पद नहीं भरे जा सके। 341 एकलशिक्षकीय एवं 27 शिक्षकविहीन शालाओं ने बेहतर शिक्षा व्यवस्था के दावों की पोल खोलकर दी है। रिक्त पदों पर भर्ती में की जा रही देरी ,शिक्षकों के कमी की वजह से कहीं बच्चों की शिक्षा व्यवस्था दांव पर न लग जाए ।
गौरतलब हो कि जिले में कुल 1476 प्राथमिक एवं 518 माध्यमिक शाला संचालित है। इन 1994 शासकीय विद्यालयों में प्रधानपाठक के 1989 स्वीकृत पद में से 336 (16.85)पद नहीं भरे जा सके। इनमें प्राथमिक शाला में स्वीकृत प्रधानपाठक के 1476 पद में से 203( करीब 14 फीसदी) पद रिक्त हैं। वहीं माध्यमिक शाला में स्वीकृत प्रधानपाठक के 513 पदों में से 133 ( करीब 26 फीसदी) पद अब तक नहीं भरे जा सके। बात करें शिक्षकों के पदों की तो यहां आंकड़े सबसे ज्यादा चिंताजनक नजर आते हैं। प्राथमिक शाला में सहायक शिक्षक के स्वीकृत 3243 पदों में से 1262 (करीब 40 फीसदी)पद सहायक शिक्षकों का इंतजार कर रहे। माध्यमिक शाला में शिक्षकों के 2288 पदों में से 591 (करीब 26 फीसदी) पद नहीं भरे जा सके। शासन स्तर पर रिक्त पदों पर भर्ती में की जा रही अनदेखी की वजह से यह हालात निर्मित हुए हैं।
ऐसी विडंबना 341 शाला एकल शिक्षकीय, 27 शिक्षाकविहीन
इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहें कि आकांक्षी जिला कोरबा में 27 विद्यालय ऐसे हैं जिनमें एक भी शिक्षक पदस्थ नहीं हैं ये शाला शिक्षकविहीन रह गए। इनमें
26 प्राथमिक एवं 1 माध्यमिक शाला शामिल हैं। 341 विद्यालय एकल शिक्षकीय हो गए हैं। इनमें 315 प्राथमिक एवं 26 माध्यमिक विद्यालय शामिल हैं। इन विद्यालयों के बच्चों की शिक्षा व्यवस्था दांव पर लग गई है। हालांकि युक्तियुक्तकरण के बाद कुछ विद्यालयों की शैक्षिक व्यवस्था सुधरने के आसार हैं।
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