सुन्हैड़ा गांव के प्राचीन शिव मंदिर में हुई भगवान शनिदेव की स्थापना

  • रामानुज मिश्रा, नंदलाल शास्त्री, शंकरलाल शास्त्री और सुरेश दीक्षित ने विधि-विधान के साथ करायी भगवान शनिदेव की स्थापना
  • भगवान शनिदेव की प्राण-प्रतिष्ठा निर्विध्न पूर्ण होने पर गांव के प्रधान राजकुमार और उनकी धर्मपत्नी ने दी सभी ग्रामवासियों को बधाई

बागपत, उत्तर प्रदेश। जनपद बागपत के सुन्हैड़ा गांव में स्थित प्राचीन शिव मंदिर में भगवान शनिदेव की धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ स्थापना हुई। सर्वप्रथम रामानुज मिश्रा, नंदलाल शास्त्री, शंकरलाल शास्त्री और सुरेश दीक्षित ने विधि-विधान के साथ भगवान शनिदेव की पूजा-अर्चना करायी। इसके उपरान्त भगवान शनिदेव की भव्य शोभायात्रा का आयोजन हुआ। शोभायात्रा मंदिर प्रांगण से ढ़ोल-नंगाड़ो के साथ प्रारम्भ हुई। शोभायात्रा में 40 से अधिक ट्रैक्टरो, कारों आदि में श्रद्धालुगण सवार थे। अनेकों श्रद्धालुगण पैदल चल रहे थे। शोभायात्रा में कीर्तन के साथ-साथ श्रद्धालुगण भगवान शनिदेव और अन्य भगवानों व देवी-देवताओं के जय-जयकारे लगा रहे थे। पूरे गांव का भ्रमण करने के उपरान्त शोभायात्रा मंदिर परिसर में आकर समाप्त हुई। इसके उपरान्त भगवान शनिदेव की प्रतिमा को मंदिर में स्थापित किया गया। इसके उपरान्त मंदिर में यज्ञ का आयोजन हुआ। सैंकड़ों लोगो ने गांव की सुख-शांति और समृद्धि के लिए यज्ञ में आहुति दी और समस्त विश्व के कल्याण की कामना की। यज्ञ में गांव के प्रधान राजकुमार और उनकी धर्मपत्नी मुख्य यजमान रहे। गांव के प्रधान राजकुमार ने बताया कि गांव के लोगों की काफी समय से इच्छा थी की मंदिर में भगवान शनिदेव की प्राण-प्रतिष्ठा होनी चाहिए। कहा कि आज समस्त ग्रामवासियों के सहयोग से भगवान शनिदेव मंदिर में विराजमान हो गये है। उन्होंने बिना किसी विध्न के भगवान शनिदेव की प्राण-प्रतिष्ठा पूर्ण होने पर समस्त ग्रामवासियों को बधाई दी।

प्रमुख समाजसेवी देवेन्द्र शर्मा ने बताया कि शनिदेव भगवान के मंदिर का निर्माण रामपाल और पुष्पादेवी द्वारा कराया गया। मंदिर में भगवान शनिदेव की प्रतिमा, यज्ञ, भंड़ारा आदि की व्यवस्था गांव के प्रधान राजकुमार और ग्रामवासियों द्वारा की गयी। भगवान शनिदेव की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को सफल बनाने में चन्द्रपाल, देवेन्द्र शर्मा, गंगाशरण शर्मा, देवी शरण शर्मा, शामे, मुकेश, त्रिपाल सिंह, सुरेन्द्र सिंह, संजय, वेदपाल सिंह, नितिन सहित सैंकड़ों ग्रामवासियों का सहयोग रहा।