मां बनने का अनुभव हर महिला के जीवन का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा होता है लेकिन आजकल की बदलती जीवनशैली की वजह से कई महिलाएं या तो इस सुख से वंचित रह जाती हैं. मां बनने के लिए कई तरह का ट्रीटमेंट और आईवीएफ का सहारा लेती है, लेकिन बात नहीं बन पाती है. इस वजह से समाज में कई चीजों का सामना भी करना पड़ता है. लेकिन योग की मदद से आप इस समस्या इस परेशानी पर काबू पा सकते हैं. आइए इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं.
आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा से नियमित योगाभ्यास से बांझपन की समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है. ऐसे कई पेशेंट भी आते हैं जिन्होंने पहले IVF कराया था और वह फेल हो गया, लेकिन आयुर्वेदिक उपचार और योग से उन्हें नैचुरली कन्सीव करने में सफलता मिली है. योगासन से सीधा आपकी फर्टिलिटी पर असर नहीं होता है बल्कि यह उपचार की सभी प्रक्रिया के साथ ही काम करता है.
नियमित योगासन से फर्टिलिटी पर पड़ने वाले प्रभाव
नियमित योग करने से आपके हार्मोन का संतुलन बना रहता है. योगाभ्यास से आपका मस्तिष्क शांत होता है और शरीर तथा मन के बीच संतुलन बना रहता है. इनफर्टिलिटी की एक बड़ी वजह तनाव भी है लेकिन योग करने से आपका तनाव कम होता है.
कौन से योग करें
बद्धकोणासन: इसे तितली पोज या बटरफ्लाई पोज भी कहते हैं. इस योगासन के नियमित अभ्यास से आपके जाँघों, पेल्विक मसल्स में खिंचाव आता है जिससे रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स का ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। यह योगाभ्यास खासतौर पर महिलाओं के लिए बहुत लाभदायक होता है.
पश्चिमोत्तानासन: इस योग से आपके पेट की चर्बी भी कम होती है इसलिए इसके नियमित अभ्यास से आप अपना वजन नियंत्रित रख सकते हैं
बालासन (child pose): इस योगासन को आप कन्सीव करने से पहले और प्रेगनेंसी के दौरान भी कर सकते हैं.
सूर्य नमस्कार: जिन महिलाओं को पीरियड्स के दौरान अत्यधिक क्रैम्प्स होते हैं उनके लिए यह योगासन एक वरदान के जैसा है क्यूंकि इससे ऐंठन कम होती है
खानपान का भी रखें ध्यान
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ सलोनी बताती हैं कि बांझपन की समस्या से बचने के लिए अच्छी लाइफस्टाइल के साथ-साथ खानपान का भी ध्यान रखना जरूरी है.
महिलाओं को सलाह है कि अपनी डाइट में विटामिन, प्रोटीन को शामिल करें,. फास्ट फूड खाने से बचें और स्मोकिंग व शराब का सेवन न करें.
[metaslider id="347522"]