कमाने वाले हर व्यक्ति के अपने वितीय लक्ष्य होते हैं, जैसे घर खरीदना, बच्चों की शिक्षा के लिए धन जुटाना या रिटायरमेंट के लिए बचत करना। लेकिन जीवन अप्रत्याशित है और कमाने वाले सदस्य की असामयिक मृत्यु किसी के भी वित्तीय लक्ष्यों को बाधित कर सकती है और परिवार को वित्तीय संकट में डाल सकती है।
आम तौर पर यही माना जाता है कि लोगों को एक सामान्य नियम के तौर पर पहले सुरक्षा और फिर बचत के दृष्टिकोण का पालन करना चाहिए। वितीय बचत की योजना बनाने के लिए टर्म इंश्योरेंस प्लान खरीदने को सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है। इसका कारण सरल है कि यदि कमाने वाले सदस्य की मृत्यु हो जाती है, तो परिवार बचत योजना को कैसे जारी रखेगा। आदर्श रूप से जीवन बीमा को सभी बकाया देनदारियों को कवर करना चाहिए और परिवार के जीवन को जारी रखने के लिए पर्याप्त होनी चाहिए।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ अपने सबसे ज्यादा बिकने वाले टर्म इंश्योरेंस प्रोडक्ट आईसीआईसीआई प्रू आईप्रोटेक्ट स्मार्ट में लाइफ कंटिन्यूटी का विकल्प भी देता है। यह सुविधा परिवार को मासिक आय के रूप में क्लेम राशि प्राप्त करने में सक्षम बनाती है। यह उन परिवारों के लिए बहुत उपयोगी है, जो एकमुश्त क्लेम राशि को मैनेज करना नहीं जानते हैं।
एक और मूल्यवान अतिरिक्त लाभ गंभीर बीमारी से जुड़ा नाम है, जिसे लिया जाना चाहिए। अध्ययनों से पता चलता है कि लगभग 10 करोड़ भारतीय परिवार हर साल स्वास्थ्य सेवा खर्च के कारण गरीबी में चले जाते हैं। मामूली अतिरिक्त प्रीमियम के लिए आईप्रोटेक्ट स्मार्ट गंभीर बीमारी लाभ प्रदान करता है, जो कैंसर, किडनी फेलियर, न्यूकेमिया, पार्किंसंस जैसी 34 बीमारियों को कवर करता है। इस प्लान के तहत गंभीर बीमारी लाभ निदान पर दावे का भुगतान किया जाता है। इस तरह यह सुनिश्चित किया जाता है कि व्यक्तियों के पास चिकित्सा उपचार के लिए पर्याप्त फाइनेंस है।
दावा निपटान अनुपात और औसत दावा निपटान समय की जाँच करना दो महत्वपूर्ण बिंदु हैं, जिन पर लोगों को टर्म इंश्योरेंस प्लान खरीदने से पहले विचार करना चाहिए। वित्त वर्ष 2024 में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ का दावा निपटान अनुपात (गैर-जाँच) 99.17 प्रतिशत था और औसत निपटान समय केवल 1.27 दिन था।
परिवार के प्रति जिम्मेदारी को पूरा करना उनके भविष्य को सुरक्षित और बेहतर बनाए रखना हर व्यक्ति की प्रतिबद्धता है। कई वित्तीय विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं कि टर्म इश्योरेंस जिम्मेदार वित्तीय नियोजन की नींव है।
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