कोरबा, 29 जून । जिले में स्कूल खुलते ही निजी स्कूल प्रबंधनों की मनमानी सामने आने लगी है। कोरबा के देवरमाल में रहने वाले एक व्यक्ति ने स्कूल फीस जमा नहीं की तो प्रबंधन ने उसकी 5 साल की बेटी के स्कूल आने पर रोक लगा दी।इतना ही नहीं स्कूल वाहन की व्यवस्था भी बंद कर दी गई। मामले की शिकायत कलेक्टर और शिक्षा विभाग से की गई है। विभाग ने मामले के जांच के आदेश दिए हैं।
पिता ने की शिक्षक बदलने की मांग
कोरबा के देवरमाल गांव में संचालित किशोर पब्लिक स्कूल विवादों में है। स्कूल प्रबंधन पर 5 साल की बच्ची को प्रताड़ित करने का आरोप लगा है। पिता का कहना है कि स्कूल के शिक्षक बच्चों को सही ढंग से नहीं पढ़ाते। उन्होंने शिक्षक बदलने की बात कही थी।
बार-बार फीस की मांग की जा रही थी
शिक्षक बदलने के लिए प्रबंधन बार-बार फीस की मांग कर रहा है। फीस नहीं देने पर में प्रबंधन ने बच्ची के स्कूल आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इतना ही नहीं स्कूल वाहन की सुविधा भी छीन ली गई। पिता ने कलेक्टर और शिक्षा विभाग से मामले की शिकायत की है।
स्कूल के टीचर सही नहीं पढ़ाते
शिकायतकर्ता अनिल पटेल ने बताया कि स्कूल के टीचर सही नहीं पढ़ाते। स्पेलिंग और मात्रा तक गलत बताई जाती है। इसकी शिकायत स्कूल प्रबंधन से की थी। लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई। अब बच्ची को स्कूल आने से मना कर दिया है।
आरोपों को स्कूल संचालक ने बताया निराधार
वहीं स्कूल के संचालक ओमप्रकाश पांडे का कहना है कि अनिल कुमार पटेल ने जिस शिक्षिका के खिलाफ जो शिकायत की थी, उसे तत्काल संज्ञान में लेते हुए स्कूल प्रबंधन ने हटा दिया। बच्ची की स्कूल फीस काफी लंबे समय से नहीं पटाई गई है। स्कूल बस की फीस भी नहीं दी गई है। इस कारण बच्ची को बस वाले ने लाने से मना किया गया है।
स्कूल संचालक ने कहा कि उन्हें आग्रह किया गया था कि वह स्कूल फीस और बस परिवहन की फीस जमा कर दें, लेकिन उन्होंने फीस जमा नहीं की। जो भी आरोप लगाया जा रहा है, निराधार है।
अधिकारी ने दिए जांच के आदेश
मामले की शिकायत कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी से की है। जहां के आदेश दिए गए है। लेकिन रिपोर्ट अब तक नहीं आई।
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