सुकमा,27 जून। छत्तीसगढ़ शासन की ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति’’ एवं ‘‘ नियद नेल्लानार’’ योजना के तहत अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार सुरक्षा कैम्प स्थापना से मिलने वाली सुरक्षा, सुविधा व विकास से प्रभावित होकर नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन, खोखली विचारधारा, नक्सलियों द्वारा किए जाने वाले षो शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों के द्वारा किए जाने वाले भेदभाव एवं स्थानीय आदिवासियों के साथ होने वाली निर्मम हिंसा से त्रस्त होकर प्रतिबंधित नक्सल संगठन में सक्रिय 1 हार्डकोर सहित 4 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है।
- नुप्पो सोमड़ा(सिंगाराम आरपीसी डीएकेएमएस अध्यक्ष)
- इड्डो लक्खा(सिंगाराम आरपीसी डीएकेएमएस सदस्य),
- सोयम लच्छा(बुर्कलंका आरपीसी मिलिशिया सदस्य)
- कुंजाम लच्छा (बुर्कलंका आरपीसी मिलिशिया सदस्य)
बता दें सभी ने नक्सल ऑपरेशन कार्यालय सुकमा में सुकमा पुलिस अधिकारी एवं सीआरपीएफ़ अधिकारियों के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया। नक्सलियों को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में जिला बल सुकमा एवं 212 वाहिनी सीआरपीएफ की टीम का विशेष प्रयास रहा है।
सभी आत्मसमर्पित नक्सली नक्सल संगठन में जुड़कर विभिन्न नक्सली गतिविधियों जैसे पुलिस गस्त पार्टी की रेकी कर हमला करना, पुलिस पार्टी के आने-जाने वाले मार्गो में स्पाईक लगाना, मुख्य मार्गों को खोद कर अवरूद्ध करना, शासन-प्रशासन के विरूद्ध में नक्सली पर्चा-पाम्पलेट लगाना आदि घटनाओं में शामिल रहे है। आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन की ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति’’ के तहत सहायता राशि व अन्य सुविधायें प्रदाय कराये जायेंगे।
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