आज संसद के दोनों सदनों – लोकसभा और राज्यसभा – के संयुक्त सत्र को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संबोधित किया. अपने भाषण में उन्होंने देश की प्रगति और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. हालांकि, उनके भाषण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा पेपर लीक के बढ़ते मामलों पर केंद्रित था. राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि पेपर लीक की घटनाओं की निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी सजा दिलवाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा कि पहले भी कई राज्यों में पेपर लीक की घटनाएं हुई हैं. इस मामले पर दलीय राजनीति से ऊपर उठकर देश व्यापी ठोस उपाय करने की ज़रूरत है. राष्ट्रपति के इस बयान से स्पष्ट है कि सरकार पेपर लीक को गंभीरता से ले रही है और इस समस्या का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है. यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस मामले में कैसे कार्रवाई करती है और पेपर लीक को रोकने के लिए क्या कदम उठाती है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा,’देश में छह दशक के बाद पूर्ण बहुमत वाली स्थिर सरकार बनी है. लोगों ने इस सरकार पर तीसरी बार भरोसा जताया है. लोग जानते हैं कि सिर्फ यही सरकार उनकी आकांक्षाओं को पूरा कर सकती है. 18वीं लोकसभा कई मायनों में ऐतिहासिक लोकसभा है. इस लोकसभा का गठन अमृतकाल के शुरुआती वर्षों में हुआ था. यह लोकसभा देश के संविधान को अपनाने के 56वें वर्ष की भी साक्षी बनेगी. आगामी सत्रों में यह सरकार अपने कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रही है. यह बजट सरकार की दूरगामी नीतियों और भविष्य के विजन का प्रभावी दस्तावेज होगा. बड़े आर्थिक और सामाजिक फैसलों के साथ-साथ इस बजट में कई ऐतिहासिक कदम भी देखने को मिलेंगे.’
[metaslider id="347522"]