गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल “चंद्रयान तीन विश्व कीर्तिमान” से सम्मानित प्रधान पाठक जमुना देवी गढ़ेवाल


रायपुर, 27 जून । भारत देश के वैज्ञानिकों ने अपने अथक प्रयासों से चंद्रयान तीन को चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतार कर विश्व इतिहास में अपना स्थान बनाया । उस अविस्मरणीय पल को साहित्यकारों ने ग्रंथ का रूप दिया ।
छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान के तत्वावधान में ” चंद्रयान तीन विश्व कीर्तिमान ” जो एक विश्वस्तरीय विशाल काव्यमयी साझा संकलन ग्रंथ है का भव्य विमोचन रायपुर के विशाल वृन्दावन सभागार में 23 जून 2024 को मुख्य अतिथि मान.राजेश्री महंत रामसुंदर दास महाराज जी के जो मठाधीश्वर दूधाधारी मठ रायपुर के करकमलों द्वारा जो शिवरीनारायण एवं पूर्व विधायक रहें है।अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में डॉक्टर सुशील त्रिवेदी जीआई ए एस पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (छत्तीसगढ़ शासन) एवं साहित्यकार संपादक, विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ.उदयभान सिंह चौहान जी भागीरथ छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण, डॉ. स्नेहलता पाठक छत्तीसगढ़ की प्रथम हास्य व्यंगकार, श्री रामेश्वर शर्मा वरिष्ठ साहित्यकार, समीक्षक, वर्ल्ड रिकार्ड होल्डर, डॉ.शकुंतला तरार जी साहित्यकार संपादक, डॉ.सोनल राजेश शर्मा संवाददाता गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड, रायपुर जी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।


कार्यक्रम का शुभारंभ मां वीणिपाणी की वंदना से प्रारंभ हुआ अतिथियों के सम्मान के पश्चात *चंद्रयान तीन विश्व कीर्तिमान ग्रंथ” का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया ।मान.राजेश्री महंत राम सुंदर दास महाराज जी अपने उद्बबोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की यह बहुत बड़ी उपलब्धि है कि विश्व की प्रथम किताब जो भारत के चंद्रयान पर लिखी गई है ।वैज्ञानिकों के अनुसंधान को बहुत ही सुंदर काव्य रूप में अलंकृत किया गया है। डॉ सुशील त्रिवेदी जी ने कहा कि वैज्ञानिक उपलब्धियो पर इस प्रकार के काव्य संग्रह का यह प्रथम एवं अद्भुत प्रयास अत्यंत प्रशंसनीय है। डॉ.सोनल शर्मा छत्तीसगढ़ की गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड होल्डर प्रभारी के द्वारा संपादक द्वय के साथ सभी अमूल्य सहभागिता प्रदान करने वाले कलमकारों का सम्मान हुआ।इस मंच से कई साहित्यकारों की किताबों का विमोचन भी हुआ।
‘ चंद्रयान तीन विश्व कीर्तिमान ” में छत्तीसगढ़ से 100 और अन्य राज्य से 21, आस्ट्रेलिया से 01 एवं अमेरिका से 01 साहित्यकारों ने अपना काव्य सृजन कर विश्व कीर्तिमान में अपना विशेष योगदान दिया है।यह विशाल काव्यमयी साझा संकलन भारत की उपलब्धि पर भिन्न भिन्न अभिव्यक्तियों पर आधारित है जिसमें कुल 150 पृष्ठ है।


इस ग्रंथ की परिकल्पना को साकार रूप प्रदान कर संपादक के रूप में अहम भूमिका निभाई डॉ आशा आजाद ” कृति ” मानिकपुर कोरबा एवं श्रीमती उर्मिला देवी ” उर्मि ” रायपुर के सहयोग से साझा संकलन इस ग्रंथ को गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में स्थान प्राप्त हो चुका है…
First poetry book on Indian lunar mission
भारतीय चंद्र मिशन पर पहली काव्य पुस्तक साझा संकलन है ।