भारत में आज से नया संचार कानून लागू हो रहा है। नरेंद्र मोदी की सरकार में पिछले साल ही संसद में यह अधिनियम पारित हो गया था, जिसे 26 जून 2024 से लागू किया जा रहा है।नया कानून सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों या युद्ध की स्थिति में किसी भी या सभी दूरसंचार सेवाओं या नेटवर्क का नियंत्रण और प्रबंधन अपने हाथ में लेने की अनुमति देता है।
नागरिक अपने नाम पर अधिकतम नौ सिम कार्ड पंजीकृत करा सकते हैं, जबकि जम्मू-कश्मीर या पूर्वोत्तर में रहने वाले लोग अधिकतम छह सिम कार्ड रख सकते हैं। सीमा से अधिक सिम कार्ड रखने पर पहले उल्लंघन के लिए 50,000 रुपये और उसके बाद के उल्लंघनों के लिए 2 लाख रुपये का जुर्माना होगा।
किसी अन्य व्यक्ति के पहचान दस्तावेजों का उपयोग करके सिम कार्ड प्राप्त करने पर तीन साल तक की कैद, 50 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
उपयोगकर्ता की सहमति के बिना भेजे गए वाणिज्यिक संदेशों के लिए संबंधित ऑपरेटर को 2 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है और सेवा प्रदान करने से प्रतिबंधित किया जा सकता है।
मोबाइल टावर और केबल बिछाने की अनुमति:
सरकार को निजी संपत्तियों पर मोबाइल टावर लगाने या दूरसंचार केबल बिछाने की अनुमति देने का अधिकार है, भले ही भूमि मालिक इसके खिलाफ हो।
सुरक्षा और आपातकालीन प्रावधान:
राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में होने या आपातकालीन स्थिति में सरकार को संदेशों के प्रसारण और कॉल इंटरैक्शन को अवरुद्ध करने और नियंत्रित करने की शक्ति है।
पत्रकारों को छूट:
राज्य और केंद्रीय मान्यता प्राप्त पत्रकारों द्वारा भेजे गए संदेशों को निगरानी से छूट दी गई है। हालांकि, अगर उनकी समाचार रिपोर्टों को देश की सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में देखा जाता है, तो उनकी कॉल और संदेशों की निगरानी की जा सकती है और उन्हें ब्लॉक किया जा सकता है।
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