Mohan Cabinet Meeting : भोपाल। लोकसभा चुनाव और आचार संहिता समाप्त होने के बाद मोहन सरकार एक्टिव मोड में आ गई है। आज लिए गए कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसलों पर मोहम सरकार ने मुहर लगा दी है।वहीं, कैबिनेट के फैसलों की मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जानकारी देते हुए कहा कि अभी तक माननीय को मिलने वाले वेतन पर इनकम टैक्स राज्य सरकार जमा करती थी, लेकिन अब इस नियम को समाप्त किया जाएगा। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि अब विधायक मंत्रियों को खुद इनकम टैक्स भरना पड़ेगा। पार्षदों का ही सिर्फ गजट नोटिफिकेशन होगा। अध्यक्ष का गजट नोटिफिकेशन नहीं होगा।
मोहन कैबिनेट में इन अहम प्रस्तावों पर लगी मुहर
- जेल की व्यवस्था को लेकर, जेल में सुविधा बढ़ाने और स्किल डेवलपमेंट को लेकर मोहन सरकार सरकार विधानसभा में बिल लेकर आएगी।
- किसानों के लिए बड़ा फैसला लेते हुए मोहन सरकार मृदा परीक्षण के लिए एग्रीकल्चर से पास आउट स्टूडेंट को रोजगार देगी। किसानों को समझाकर मृदा परीक्षण करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। ऐसे किसानों को मिट्टी की सही रिपोर्ट मिलेगी।
- अब राज्य सरकार माननीयों का इनकम टैक्स जमा नहीं करेगी। मंत्रियों को अब खुद इनकम टैक्स जमा करना होगा ।
- सीएसआर के माध्यम 10 एकड़ पर प्लांटेशन किया जाता था, अब सरकार ने 10 एकड़ की सीमा को समाप्त कर दिया,छोटे दानदाता भी अब कम जमीन पर प्लांटेशन कर सकते हैं।
- प्रदेश के बाहर के सैनिक स्कूलों में पढ़ने वाले मध्य प्रदेश के स्टूडेंट को स्कॉलरशिप मिलेगी।
- भारतीय खेल प्राधिकरण को 100 एकड़ जमीन पहले से थी, 1 एकड़ और जमीन लीज पर दी गई।
- रेल परियोजना की नोडल एजेंसी पीडब्ल्यूडी को बनाया गया।
- शहीद होने वाले सैनिकों की पत्नी को अभी तक सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता दी जाती थी,लेकिन अब 50 फीसदी आर्थिक सहायता माता-पिता को भी मिलेगी।
- चुनाव प्रचार थमने पर प्रिंट मीडिया को विज्ञापन देने पर लगे प्रतिबंध को हटाया गया। राज्य चुनाव आयोग अब लोकल चुनाव में विज्ञापन देने की अनुमति देगा।
सीएम ने आपातकाल को लेकर की निंदा
कैबिनेट की बैठक से पहले मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आपातकाल को लेकर निंदा की। सीएम ने संविधान का राजनीतिक इस्तेमाल करने वालों की निंदा की। वहीं, ओम बिड़ला के अध्यक्ष बनने पर मोहन कैबिनेट ने उन्हें बधाई भी दी। वहीं, बैठक के बाद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रीगण अपना इनकम टैक्स वहन करेंगे। शासन पर कोई वित्तीय भार नहीं आएगा। बता दें कि 1972 में नियम बना था, जिसमें मंत्रियों का इनकम टैक्स सरकार भर रही थी। 52 साल बाद मोहन सरकार ने ये फैसला बदला है। मंत्री परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
[metaslider id="347522"]