वैज्ञानिकों ने सूती कपड़े का पहला स्वदेशी कवच तैयार किया

बंगलूरू,23 जून। देश के किसानों को घातक कीटनाशकों से बचाने के लिए वैज्ञानिकों ने पहला स्वदेशी कवच तैयार किया है। यह सूती कपड़े से बनाया है और इस पर एक ऐसे अणु का इस्तेमाल किया है जो संपर्क में आते ही कीटनाशकों को निष्क्रिय करने में सक्षम है। इसका असर जानने के लिए वैज्ञानिकों ने 10 चूहों पर एक शोध भी किया, जिसे नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित किया गया है। बंगलूरू के स्टेम सेल बायोलॉजी, रीजेनरेटिव मेडिसिन संस्थान (इनस्टेम) और सेपियो हेल्थ प्रा. लि. के वैज्ञानिकों ने इस कपड़े को किसान कवच का नाम दिया।

इसे पहनने से किसानों के लिए कीटनाशक से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम काफी कम हो सकता है। इस कपड़े पर न्यूक्लियोफाइल अणु का इस्तेमाल किया है, जिसे विकसित करना एक बड़ी चुनौती थी। कम से कम एक साल तक किसान इस कपड़े को धोकर उपयोग में ला सकते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि किसान अक्सर फसलों पर छिड़काव करते समय कीटनाशकों के संपर्क में आते हैं। इनमें ऐसे रसायन होते हैं, जिनके संपर्क में आने से इन्सानों को कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। इससे बुखार, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी, सांस लेने में समस्या, कंपन के अलावा कुछ मामलों में दृष्टि हानि भी हो सकती है।

30 करोड़ किसानों के प्रभावित होने का जोखिम

शोधकर्ता डॉ. प्रवीण कुमार वेमुला ने बताया कि देश में हर साल करीब 30 करोड़ किसानों को इससे प्रभावित होने का जोखिम रहता है। वर्तमान में किसानों को नुकसान पहुंचाने से पहले कीटनाशकों को बेअसर करने की कोई तकनीक उपलब्ध नहीं है। कई तरह के कीटनाशकों से लड़ने में है सक्षम केंद्र के बायो टेक्नोलॉजी विभाग (डीबीटी) ने बताया कि यह किसान कवच कई तरह के कीटनाशकों से लड़ता है। प्रयोगशाला में जांच के समय इस कपड़े का इस्तेमाल चूहों पर किया, जिसमें पता चला कि यह न केवल तंत्रिका और मांसपेशियों की क्षति जैसे हानिकारक प्रभावों को रोक सकता है, बल्कि उन्हें मृत्यु से भी बचा सकता है।