बीते 72 घंटों में दिल्ली में हीटवेव से पांच लोगों की मौत, 51 डिग्री पहुंचा हीट इंडेक्स…

Heatwave in Delhi: राजधानी दिल्ली में भीषण गर्मी और लू का कहर जारी है. चिंता की बात यह है कि दिल्ली में हीटवेव जानलेवा हो चुकी है. लू के गर्म थपेड़ों ने हालत खराब कर दी है. आलम ये है कि लोगों का घरों से निकलना तक मुश्किल हो गया है. पिछले 72 घंटों में, राजधानी में लू के कारण पांच लोगों की मौत हो गई. दिल्ली के तीन अलग-अलग अस्पतालों में हीटस्ट्रोक के कारण पांच मौतें हुई हैं. TOI की एक रिपोर्ट के अनुसार, मृतकों में एक 50 वर्षीय व्यक्ति भी शामिल था, जिसे 17 जून की शाम को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था और अगली सुबह उसकी मौत हो गई. इसके अलावा, उसी दिन भर्ती हुई 60 वर्षीय महिला की मंगलवार सुबह मौत हो गई.

राम मनोहर लोहिया अस्पताल ने सोमवार को एक 40 वर्षीय महिला मजदूर और मंगलवार शाम को एक 60 वर्षीय पुरुष सुरक्षा गार्ड की मौत की सूचना दी. एक और मौत लोक नायक अस्पताल में हुई, जहां जनकपुरी निवासी 39 वर्षीय कार मैकेनिक को 15 जून को 106 डिग्री फारेनहाइट बुखार के साथ भर्ती कराया गया था, जिसकी अगले दिन मौत हो गई.

दिल्ली में 50 डिग्री के पार हीट इंडेक्स

मंगलवार को दिल्ली में हीट इंडेक्स 51 डिग्री को छू गया. आईएमडी के मुताबिक, हीट इंडेक्स से इंसानों को महसूस होने वाले तापमान की रेंज का पता चलता है. इससे पता चलता है कि तापमान के साथ आपके आसपास के वातावरण में गर्मी कितनी है. आसान भाषा में समझें तो हीट इंडेक्‍स वो तापमान है, जो आपको महसूस होता है.

अस्पतालों में बढ़ी भीड़

दिल्ली में तापमान में वृद्धि होने के साथ ही दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अस्पतालों में लू लगने और गर्मी से थकावट की शिकायत वाले मरीजों की भीड़ बढ़ती जा रही है. चिकित्सकों ने भीषण गर्मी के बीच बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले मरीजों को घर से बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है.

एलएनजेपी अस्पताल की उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रितु सक्सेना ने कहा, “हमारे पास हर दिन आठ से 10 मरीज आ रहे हैं. गंभीर रूप से बीमार कुछ मरीज ऐसे भी हैं जिन्हें आईसीयू में भर्ती करने की जरूरत है.” उन्होंने कहा, “गंभीर रूप से बीमार होने वाले मरीज वे हैं जो बुज़ुर्ग हैं या जिन्हें उच्च रक्तचाप, मधुमेह और कोरोनरी धमनी रोग (सीएडी) जैसी सह-रुग्णताएं हैं. हमें पास बाबू जगजीवन राम अस्पताल और सत्यवादी राजा हरीशचंद्र अस्पताल जैसे अन्य अस्पतालों से भी कुछ मरीज आ रहे हैं.’’

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