रायपुर, 17 जून। छत्तीसगढ़ के 14 नगर पालिक निगमों, 48 नगर पालिकाओं और 122 नगर पंचायतों में चुनाव की आहट अब सुनाई देने लगी है। छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में नगरीय निकाय चुनाव होंगे। राज्य सरकार ने निकाय चुनाव की तैयारी तेज कर दी है। इस बार महापौर और अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने पर विचार किया जा रहा है। अप्रत्यक्ष प्रणाली को बदलने की चर्चा हो रही है, इसे लेकर कांग्रेस और भाजपा में जुबानी जंग छिड़ चुकी है।
प्रत्यक्ष प्रणाली से मेयर और अध्यक्ष का चुनाव कराने की तैयारी
बता दें कि राज्य गठन के बाद से ही नगरीय निकाय चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होता रहा। जनता पार्षद के साथ ही महापौर और अध्यक्ष के लिए भी वोट दिया करती थी। 2019 में कांग्रेस सरकार ने अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराया। इस तरह पार्षदों ने ही अध्यक्ष और महापौर चुने। तब विपक्ष में रही भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने जनता से एक वोट का अधिकार छीन लिया। अब भाजपा सरकार में है तो माना जा रहा है प्रत्यक्ष प्रणाली से मेयर और अध्यक्ष का चुनाव कराने की तैयारी की जा रही है।
परिसीमन की प्रक्रिया प्रारंभ
इसके लिए परिसीमन की प्रक्रिया तो पहले ही प्रारंभ कर दी गई है। भाजपा विधायक दल की बैठक में अधिकतर विधायकों ने प्रत्यक्ष चुनाव पर सहमति भी दे दी है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि अब जनता ही डायरेक्ट अपने मेयर और अध्यक्ष चुनेगी। इतना ही नहीं बीजेपी सरकार ईवीएम से निकाय चुनाव कराने का फैसला भी ले सकती है। इससे भाजपा के सीनियर नेताओं को अध्यक्ष और महापौर बनने के लिए पार्षद चुनाव लड़ने की जरूरत नहीं होगी। इस तरह पार्टी को अनावश्यक प्रतिस्पर्धा और अंतर्कलह का सामना भी नहीं करना होगा।
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