किसी भी और साल में राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) में 650 स्कोर लाने वालीं 23-वर्षीय सुरभि सिंह उत्तर प्रदेश के लखनऊ में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में एडमिशन की तैयारी कर रही होतीं, लेकिन इस साल यह संभव नहीं हो पाएगा, उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि मैं फेल हो गई हूं.”
सुरभि को यकीन नहीं है कि उन्हें अपने MBBS कोर्स के लिए किसी सरकारी कॉलेज में एडमिशन मिलेगा या नहीं. 67 एस्पिरेंट्स के NEET-2024 परीक्षा में 100 प्रतिशत स्कोर आए हैं और इसने लाखों युवा छात्रों और पैरेंट्स को चिंता में डाल दिया है. कुछ लोग ऑनलाइन विरोध कर रहे हैं; कुछ कानूनी कार्रवाई के लिए अदालत जाने की तैयारी में हैं, लेकिन सुरभि जैसे स्टूडेंट अगले साल दोबारा NEET परीक्षा की तैयारी के लिए किताबें पलट रहे हैं.
उन्होंने नोएडा में एक कमरे के घर के बाहर बैठे हुए जहां वे अपने परिवार के साथ रहती हैं, कहा, “मैंने 5 मई को पेपर के बाद किताबों को पैक कर दिया था. उत्तर कुंजी (Answer key) देखने के बाद मैं बहुत खुश और पॉजिटिव थी. अब, मैं अपनी किताबें दोबारा निकाल रही हूं, खुद को फिर से पढ़ने के लिए मेंटली तैयार कर रही हूं क्योंकि एग्जाम फिर देना पड़ सकता है.”
2013 में इसके शुरू होने के बाद से ही नीट परीक्षा संकट, धोखाधड़ी के विवादों, पेपर लीक के आरोपों, फाइनल मार्किंग में गड़बड़ी और कुप्रबंधित परीक्षा सेंटरों के मसलों से घिरी हुई है. भारत में आयोजित सबसे बड़ी परीक्षाओं में से एक वार्षिक सामान्य मेडिकल प्रवेश परीक्षा का स्टूडेंट्स, राजनेताओं और शिक्षाविदों ने काफी विरोध किया है. तमिलनाडु में अब तक कम से कम 16 छात्रों ने आत्महत्या कर ली है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बार-बार NEET-UG को “गरीब विरोधी” और “भेदभावपूर्ण” कहा है. पिछले हफ्ते एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने लोगों से “इस बीमारी को मिटाने के लिए एकजुट होने” का आह्वान किया था.
फिजिक्स वाला के मालिक अलख पाण्डेय जिन्होंने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है, ने कहा, “नीट में 640-650 एक बेहतरीन स्कोर है. पिछले साल, इस स्कोर वाले स्टूडेंट्स को 10,000 तक रैंक मिल रही थी, लेकिन अब उन्हें 30,000-40,000 रैंक मिली है.”
उन्होंने कहा, “सिस्टम ने स्टूडेंट्स को निराश किया है. उन्हें अब एनटीए पर कोई भरोसा नहीं रहा है.”
मेडिकल एस्पिरेंट 23-वर्षीय सुरभि सिंह ने नीट 2024 में 720 में से 650 स्कोर आने के बाद अपनी किताबें पैक कर ली थीं. अब उन्हें फिर से किताबें पलटने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
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