नरेंद्र मोदी रविवार को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में लगातार तीसरी बार शपथ लेने जा रहे हैं. उनके साथ नई बनने वाली केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्य भी पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर राजनीतिक महौल गर्म हो गया है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस समारोह को लेकर एक ‘चुनौतीपूर्ण’ बयान दिया है. रमेश ने कहा है कि “केवल अंतर्राष्ट्रीय नेताओं को शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया गया है. हमारे नेताओं को अभी तक आमंत्रण नहीं मिला है. जब हमारे ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं को आमंत्रण मिलेगा, तब हम इसके बारे में सोचेंगे.”
यह बयान कांग्रेस की ओर से बीजेपी और मोदी सरकार को एक स्पष्ट संदेश है. कांग्रेस ने इस बयान के माध्यम से यह साफ कर दिया है कि वह इस समारोह को ‘राष्ट्रीय महत्व’ के बजाय ‘राजनीतिक’ घटना के रूप में देख रही है.
कांग्रेस के इस बयान से यह भी स्पष्ट होता है कि कांग्रेस बीजेपी के खिलाफ अपनी रणनीति में काफी गंभीर है और वह बीजेपी को हर मोड़ पर चुनौती देने के लिए तैयार है. यह देखना होगा कि कांग्रेस के इस बयान का शपथ ग्रहण समारोह पर क्या असर पड़ता है और दोनों पक्षों के बीच राजनीतिक महौल किस तरह से बदलता है.
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