देश में नई केंद्र सरकार बनाने की कवायद अब पूरी हो चुकी है! नरेंद्र मोदी 9 जून को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. शुक्रवार को नरेंद्र मोदी NDA संसदीय दल के नेता चुने गए और उन्होंने राष्ट्रपति से भी मुलाकात की.
अब, 9 जून को शाम 7:15 बजे, राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित होगा. इस समारोह में राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी. देश के विकास और समृद्धि के लिए एक बार फिर मोदी जी के नेतृत्व में NDA सरकार बनने जा रही है. यह एक ऐतिहासिक क्षण होगा, क्योंकि मोदी जी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने वाले हैं. अब सभी की नजरें 9 जून को शपथ ग्रहण समारोह पर टिकी हुई हैं!
संसदीय दल की बैठक के बाद पीएम मोदी ने कहा- NDA सरकार को देश ने तीसरी बार सरकार बनाने का आदेश दिया है. मैं इस अवसर के लिए देश को आभार जताता हूं. मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि 18वीं लोकसभा के 5 साल के कार्यकाल में भी हम उसी गति और समर्पण भाव के साथ देश के आंकक्षाओं को पूर्ण करने में कोई कसर नहीं रखेंगे.
नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा कि, दुनिया अनेक संकटों गुजर रही है. तनावों और आपदाओं से गुजर रही है. ऐसी विकट परिस्थित दुनिया ने बहुत लंबे समय बाद देखी है. हम भारतवासी खुशनसीब हैं, कि इतने बड़े संकटों के बाद भी हम आज विश्व की सबसे तेज बढ़ने वाली इकॉनमी के रूप में जाने गए है. अब एक स्टेबल सरकार मिलने के बाद, नए बदलाव आएंगे. मुझे विश्वास है कि इससे देश की युवा पीढ़ी को सबसे ज्यादा लाभ होगा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने NDA के नेता नरेंद्र मोदी को सरकार बनाने का न्योता दिया है. राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले दो टर्म में जिस तरह से देश आगे बढ़ा, तीसरे कार्यकाल में उसी गति से देश आगे बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में काम करने का जो अनुभव मिला है, उससे नए टर्म में काम करने में परेशानी नहीं होगी.
पीएम मोदी ने कहा कि, ‘मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि पिछले दो टर्म में जिस गति से देश आगे बढ़ा है, समाज के हर क्षेत्र में परिवर्तन साफ साफ नजर आ रहा है. 25 करोड़ लोगों का गरीबी से बाहर आना अपनेआप में देशवासियों के लिए गर्व की बात है. भारत की जो वैश्विक छवि बनी है, दुनिया के लिए भारत एक विश्वबंधु के रूप में उभरा है. इसका मैक्सिमम एडवांटेज अब शुरू हो रहा है. मुझे पक्का विश्वास है कि ये 5 वर्ष, वैश्विक परिवेश में भी भारत के लिए बहुत उपयोगी होने वाले हैं.’
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