मानसिक स्वास्थ्य बेहतर बनाने के लिए मन पर नियंत्रण जरूरी

0.मालवांचल यूनिवर्सिटी द्वारा मोटिवेशन एंड मेंटल हेल्थ (मानसिक स्वास्थ्य) से जुड़े मुद्दों कार्याशाला

इंदौर, 29 मई। मालवांचल यूनिवर्सिटी द्वारा मोटिवेशन एंड मेंटल हेल्थ (मानसिक स्वास्थ्य) से जुड़े मुद्दों कार्यशाला आयोजित की गई। इंडेक्स समूह संस्थान के शिक्षकों और छात्रों के साथ कर्मचारियों को विशेषज्ञ नीता कुमार द्वारा मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे पर विभिन्न जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि डिजिटल वर्ल्ड के साथ मल्टीटास्किंग के जमाने में हमें 10 काम एक साथ करने की आदत हो गई। मन में 10 विचार एक साथ नहीं आए तो हमें जीवन में कुछ कमी सी लगती है। यही आदत हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए यह सबसे बड़ी परेशानी है। हम जब तक मन को नियंत्रित नहीं करेंगे तब तक हमारा वर्तमान और भविष्य दोनों बेहतर नहीं हो सकते है।

0.अपने लिए समय निकालना भी सेल्फ केयर का अटूट हिस्सा है

उन्होंने बताया कि अगर हम मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं हैं, तो यह हमारे काम से लेकर हमारे रिश्तों पर असर डालता है। फिर भी लोग अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं देते है।दिमाग भी हमारे शरीर का एक हिस्सा है और इसमें भी कोई बीमारी हो सकती है। इस स्थिति को हमें बहुत गंभीरता के साथ लेना चाहिए। वर्तमान की भाग-दौड़ में हर इंसान को अवसाद और तनाव से भरपूर जीवन जीने को मजबूर कर दिया है। इसका सबसे बुरा असर हमारे मस्तिष्क पर पड़ता है। हमें कभी खुद से दुखी या नाराज़ नहीं होना चाहिए बल्कि खुद के साथ प्यार से पेश आना चाहिए। हमें प्रत्येक दिन ध्यान या योग के लिए कम से कम 15 से 20 मिनट अपने लिए निकालने चाहिए। अपने लिए समय निकालना भी सेल्फ केयर का अटूट हिस्सा है। जीवन में हमेशा सक्रिय, सकारात्मक और खुद के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।

0.प्रतियोगिता के दौर में आप खुद को न खोने दे

नीता कुमार ने बताया कि स्वस्थ मन के बिना, स्वस्थ शरीर की कल्पना नहीं की जा सकती है। जब युवा और बच्चों के स्वास्थ्य की हो तो इस पर और भी गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता होती है, क्योंकि इस विषय पर आज दिखाई गई गंभीरता या बरती गई लापरवाही, भविष्य में परिणाम के रूप में सामने आएगी। वैश्विक स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए हाल के वर्षों में किए गए प्रयासों में जरूर तेजी आई है।आज भी प्रतियोगिता के दौर में हम कई बार उसके बच्चे ने अच्छा किया और हमारे बच्चे न अच्छा नहीं किया। इस मानसिकता को बदलने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि पेशेवर लोगों को भी कार्यस्थल पर प्रतियोगिता में खुद को खोने नहीं देना चाहिए। यदि आप कार्यस्थल से खुश नहीं तो उसे बदल दे लेकिन मानसिक स्वास्थ्य को खराब नहीं होने दे। इस अवसर पर कुलपति डॉ.संजीव नारंग ने कहा कि यदि मन आपके नियंत्रण में हो तो आपको कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता है। हर चीज के अच्छे और बुरे दोनों उपयोग होते है बस उसे करने के लिए आपकी सही सोच सबसे ज्यादा जरूरी होती है।इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया,वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया,कुलपति डॉ.संजीव नारंग,एडिशनल डायरेक्टर आर सी यादव ने कार्यशाला की सराहना की। इस अवसर पर इंडेक्स मेडिकल कॅालेज वाइस डीन डॉ.प्रेम न्याती,आईक्यूएसी डायरेक्टर डॉ.रौली अग्रवाल,रिसर्च डायरेक्टर डॉ.लिली गंजू,एच आर डायरेक्टर रुपेश वर्मा,माउंट इंडेक्स इंटरनेशनल स्कूल के प्राचार्य श्याम अग्रवाल,असिस्टेंट रजिस्ट्रार,दीपशिखा विनायक,डाॅ.राजेंद्र सिंह, आईक्यूएसी कार्डिनेटर दीपिका चौहान आदि उपस्थित थे।

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