नवतपा के चौथे दिन पारा 44 डिग्री पर

रायगढ़,29 मई 2024। नवतपा के दिनों सूरज देवता अपने प्रचंड ताप के साथ दिन की शुरुआत कर रहे है । चौथे दिन सुबह 8 बजे से ही गर्म हवा के थपेड़ो ने लोगों को हलाकान किया हुआ है। दोपहर होते तक सूरज की तपिश बढ़ते हुए 44 डिग्री को पार कर रहा है। इन सभी के बीच बिजली विभाग की उदासीन लापरवाह कार्यप्रणाली के चलते 24 में बारंबार बिजली शहर सहित ग्रामीण अंचल में कर रही आंख मिचौली से आम जनजीवन काफी प्रभावित हो रहा है। झुलसाने वाले गर्मी के बीच लोगो को यह समस्या दोहरी मार के रूप में पड़ रहा है। जिम्मेदार अधिकारी व विभाग के सार्वजनिक शिकायत फोन नम्बर तक नही बंद आ ता है। जिससे लोगो मे भारी रोष है । देखा जाए तो

अप्रैल माह में गर्मी की प्रचंडता से लोग हलाकान थे इस बीच मई माह के शुरुआती दिनों में गर्मी सेलोग और परेशान हो गए। इधर नवतपा के पहले दिन से ही सूरज देवता तापमान को धीरे धीरे बढ़ाने लगा। वही नवतपा चौथे धकम आने तक 44 से 45 डिग्री के करीब जा पहुचा है। वही भीषण गर्मी में मनुष्य से लेकर जीव जंतु भी हलाकान हैं वही गर्मी के बीच बारम्बार बिजली की आंख मिचौली से भी लोग परेशान हो रहे है। इसका असर जिले के सबसे बड़े अस्पताल से लेकर शहर के दोनों जोन में नजर आ रहा है। भारत देवता के प्रशांत आपसे नौतपा के चौथे दिन लोगों को भीषण गर्मी से करना पड़ा है वही इसका असर शहर के प्रमुख सड़कों में वीरानी के रूप में भी नजर आया है।

फलों की डिमांड बढ़ते ही कीमत भी बढ़ी

झुलसाने वाली गर्मी के बीच लोगो की पहली पसंद मौसमी रसीले फल है। वही शहर में इन दिनों तरबूज लीची, आम समेत अन्य फलों की डिमांड काफी बढ़ गई है। डिमांड बढ़ते ही कीमत में भी इजाफा होने लगा हैं जबकि लीची व तरबूज पड़ोसी जिले से अवाक हो रही है। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि खेती करने वाले किसानों को लागत के मुताबिक कीमत नही मिल रहा है।

आपूर्ति बंद होने से अस्पताल में भर्ती मरीज व कामकाज प्रभावित

शहर के दोनो जोन में रात्रि व दिन में दर्जनों बार विद्युत आपूर्ति बंद होने की वजह से यहां भर्ती मरीजों को कई तरह की समस्या से जूझना पड़ता है जबकि इसके उलट गायनिक व सर्जरी वार्ड मरीजो का हाल बेहाल हो जाता है, कई दफा आग से झुलसे मरीज शरीर की जलन व गर्मी से चीखते चिल्लाते भी नजर आते है जिससे परिजनों व अस्पताल में मौजूद अन्य लोग मानवीय चिल्लापो से काफी आहत भी होते है। किंतु वे चाह कर भी कुछ नही कर पाते है ।