रायपुर, 20 मई 2024। छत्तीसगढ़ की विष्णु सरकार नक्सल पुनर्वास नीति में बदलाव कर सकती है। सीएम विष्णुदेव साय ने संकेत दिये हैं कि पुनर्वास नीति के कारण नक्सली आत्मसमर्पण भी कर रहे हैं। इस संबंध में देखा जा रहा है कि इस नीति में और क्या बेहतर हो सकता है। इसके साथ ही नई पुनर्वास नीति पर विचार किया जा रहा है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि लोकसभा चुनाव के बाद राज्य सरकार नई पुनर्वास नीति ला सकती है और इसे प्रदेश में लागू कर सकती है।
वर्तमान में पुनर्वास के प्रावधान के तहत आत्मसमर्पितों नक्सलियों को किराए का मकान दिया जाता है। इसके साथ ही पुनर्वास की राशि, रोजगार, शिक्षा समेत अन्य सुविधाएं दी जाती है। हालांकि इसमें देरी की शिकायते मिलती रही हैं। आत्मसमर्पितों नक्सलियों को निवास के लिए मनचाहे शहर या गांव का विकल्प दिया जाएगा। मकान ऐसा होगा जिसमें उनका पूरा परिवार एक साथ रह सके। रोजगार के लिए कौशल विकास योजना के तहत रोजगार दिया जायेगा। इसके तहत उन्हें प्रशिक्षण मिलेगा। स्वरोजगार चाहने वाले आत्मसमर्पित नक्सलियों को कम ब्याज पर लोन मिलेगा। इतना ही नहीं पुलिस उनके कोर्ट केसस को सुलझाने में भी मदद करेगी।
नक्सल मोर्चे पर मिल रही कामयाबी से बढ़ा उत्साह
सीएम साय ने कहा कि ये सब डबल इंजन सरकार की वजह से संभव हुआ है कि केवल तीन से चार महीने में 112 नक्सली मारे गए हैं। करीब पौने चार सौ नक्सली आत्मसमर्पण किये हैं और 153 नक्सली गिरफ्तार हुए हैं। नक्सल क्षेत्र में 28 सुरक्षा कैंप खुले हैं। 143 आईडी बरामद किए गए हैं। ये हमारी सुरक्षाबलों के लिए बड़ी सफलता है। साय बोले कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री इस विषय पर बहुत ही गंभीर है और जल्द ही छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का समापन चाहते हैं। तीन वर्ष के भीतर नक्सलियों को पूरी तरह समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जिस रोडमैप को हरी झंडी दी है। उसे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री व गृह मंत्री विजय शर्मा आगे बढ़ा रहे हैं।
अभी ये मिलती है प्रोत्साहन राशि और सुविधा
प्रत्येक नक्सली को समर्पण पर प्रोत्साहन के लिए 25 हजार रुपये की राशि देने का नियम है। नक्सल पीड़ित के समान ही आत्मसमर्पित नक्सलियों को सुविधाएं देने का प्रावधान है। सक्रिय, पांच लाख या अधिक के इनामी नक्सली को आत्मसमर्पण पर 10 लाख की राशि पृथक से देने, समर्पित हथियार के बदले देय मुआवजा राशि का प्रावधान है। यह राशि बैंक में सावधि जमा की जाती है और इसका ब्याज समर्पित नक्सली को मिलता है। तीन साल बाद चाल चलन की समीक्षा के बाद यह राशि प्रदान किए जाने का प्रावधान है। यदि समर्पित नक्सली की ओर से तीन वर्ष के भीतर कृषि भूमि क्रय की जाती है तब दो एकड़ तक भूमि पर स्टांप ड्यूटी व पंजीयन शुल्क में पूर्ण छूट देने का प्रावधान है।
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