गर्मी से बचने के लिए शीतल पेय का ले रहे सहारा, गर्मी में सबसे अधिक मरीज डिहाइड्रेशन एवं बुखार होते है पीड़ित।
सुकमा, 04 मई I लगातार गर्मी व तापमान बढ़ने से इसका असर स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है, भीषण गर्मी और उमस से लोगों को हलाकान कर दिया है। जहां लोग गर्मी से राहत पाने के लिए शीतल पेय पदार्थ का उपयोग कर गर्मी से बचने का प्रयास कर रहे हैं, इधर सुबह 10 बजे के बाद घर से बाहर निकलने पर तेज धूप और गर्मी की तपिश ने लोगों को हलाकान कर दे रहा है। गर्मी ज्यादा पढ़ने से लोगों के स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। इसीलिए गर्मी में सबसे अधिक डिहाइड्रेशन एवं बुखार, सर्दी जुकाम इत्यादि कई प्रकार की बीमारियों से लोग ग्रसित होते हैं, लोगों को गर्मी से बचने के लिए जरूरी सावधानियां बरतने के साथ एक निश्चित अंतराल में तरल एवं पेय पदार्थ का उपयोग कर अपने आप को स्वस्थ रखने का कोशिश रहनी चाहिए।
सुबह से हीं चिलचिलाती धूप से लोग बेहाल रहे। शहर में गर्मी की वजह से लोगों का सड़क पर निकलना भी मुश्किल हो गया है। उमस और आग जैसी गर्मी के बीच गर्म हवा से भी लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वही इन दिनों तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच रहा है, दोपहर में चल रही गर्म हवा एवं लू के थपेड़ों से होंठ भी सूखने लग रहे हैं। शाम होते हीं गर्म हवा से उमस बढ़ जाती है, पंखे व कूलर की हवा आधी रात तक राहत देने में असफल हो रहे है। चिलचिलाती धूप और गर्म हवा के झोंके के कारण हीट स्ट्रोक का कहर बढ़ सकता है।
मौसमी फलों की बढ़ी मांग
इन दिनों गर्मी की वजह से मौसमी फलों की मांग बढ़ गई है। चौक-चौराहों पर नारियल पानी, नींबू पानी, लसी, गन्नारस के ठेले सज गए हैं। तरबूज, तरबूज, अंगूर, खीरा व ककड़ी जैसे ठंडे फलों की मांग में वृद्धि हुई है। वही आइसक्रीम एवं शीतल पेय पदार्थ से भी गर्मी से राहत लेने में लोग लगे हुए है। यहीं नहीं लोग गर्मी से बचाव के लिए छाता और तौलिया आदि लेकर चल रहे है।
हीट स्ट्रोक से बचाने के लिए
इधर बढ़ता तापमान लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। सुबह 10 बजे से ही सूर्य भगवान के आग उगलने के कारण शरीर में पानी की कमी हो जा रही है, जो घातक है। स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही निर्देश जारी करते हुए कहा है कि गर्मी के प्रकोप से बचने के लिए कभी खाली पेट नहीं रहना चाहिए। पोटैशियम व सोडियम साल्ट्स की कमी होने के कारण शरीर का थर्मोस्टेट सिस्टम गड़बड़ हो जाता है। इससे शरीर का तापमान तेजी से बढ़ने से लोग हीट स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ ज्यादा है, इसलिए धूप और गर्मी से बचाना बहुत जरूरी है।
हीट स्ट्रोक के लक्षण व मुख्य कारण
तेज धूप में देर तक चलने के कारण चक्कर आना, जी मचलाना, पूरे शरीर में बेचैनी होना, दस्त और तेज बुखार होना तथा यहां तक कि बेहोश होना आदि हीट स्ट्रोक के मुख्य लक्षण है। तेज-धूप और अत्यधिक गर्मी, शराब के सेवन, उच्च रक्तचाप या बावासीर की दवाइयों के अत्यधिक सेवन से हीट स्ट्रोक होता है।
हीट स्ट्रोक से ऐसे करें बचाव
कड़ी धूप में निकलने से बचना चाहिए, बहुत जरूरी होने पर सिर पर गीला तौलिया डालना चाहिए। अत्यधिक गर्मी से बचने के लिए सूती कपड़े पहनने चाहिए, घर से बाहर निकलने के समय पानी की बोतल साथ में लेकर चलना चाहिए। बेहोशी होने पर बर्फ की पट्टी करनी चाहिए। सबसे मुख्य बात डिहाइड्रेसन से बचने के लिए ग्लूकोज, नींबू पानी और ओआरएस का घोल पीना चाहिए।
शाम को उमस से लोग हो रहे हलकान
सुजीत ने बताया कि इन दिनों गर्मी के बढ़ने के साथ-साथ उमस भी काफी ज्यादा है, वहीं दिन की तेज धूप के बाद शाम होते ही गर्म हवा एवं उमस से लोगों को लिए हलकान कर दे रहा है, वही लोग उमस और गर्म हवा से शाम को काफी परेशान हो रहे हैं इस साल गर्मी काफी ज्यादा बढ़ चुका है, जिसके कारण से काफी दिक्कतें हो रही है।
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