कैसे लड़ेंगे कुपोषण से जंग! आकांक्षी जिला कोरबा में मार्च माह में बीज निगम की फर्म ने नहीं की रेडी टू ईट की आपूर्ति, लाखों हितग्राहियों को नहीं बंटा टीएचआर, विभाग सख्त, डीपीओ ने भेजी जीरो प्राप्ति की रिपोर्ट, रुकेगा बीज निगम का करोड़ों का भुगतान !

रेडी टू ईट की संचालन व्यवस्था में बदलाव की घोषणा के साथ बीज निगम की फर्म छत्तीसगढ़ एग्रो फूड कार्पोरेशन लिमिटेड कर रही मनमानी

कोरबा, 25 अप्रैल । सत्ता परिवर्तन के बाद छत्तीसगढ़ की साय सरकार द्वारा रेडी टू ईट संचालन व्यवस्था पूर्ववत महिला स्व सहायता समूहों को देने की घोषणा के बाद राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम की उत्पादनकर्ता फर्म छत्तीसगढ़ एग्रो फूड कार्पोरेशन लिमिटेड रेडी टू ईट के वितरण में डंडीमारी मनमानी में उतर आई है। फर्म ने आकांक्षी जिला कोरबा में मार्च माह के कोटे का रेडी टू ईट माह के अंत मे पहुंचाया। जिसकी वजह से आँगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से नौनिहालों ,किशोरियों,गर्भवती एवं शिशुवती माताओं को रेडी टू ईट ही नहीं बंटा। विभाग ने भी सख्ती बरतते हुए फर्म का मार्च माह में रेडी टू ईट की प्राप्ति जीरो (शून्य)बताकर राज्य शासन को उचित कार्रवाई के लिए अवगत करा दिया है।

यहां बताना होगा कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 6 माह से 6 वर्ष के नौनिहालों ,किशोरियों,गर्भवती एवं शिशुवती माताओं के पोषण के लिए कार्य किया जा रहा है। पूर्व में स्थानीय महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से रेडी टू ईट कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा था । गेहूं ,सोया ,चना ,मूंगफली मिश्रित पौष्टिक पोषण आहार रेडी टू ईट य माह से 3 वर्ष तक के बच्चों ,गर्भवती एवं शिशुवती माताओं के लिए प्रत्येक मंगलवार को दिए जाने का प्रावधान है ताकि उन पर कुपोषण की काली छाया न पड़े ,कुपोषित हितग्राही इसके दायरे से बाहर निकल सकें। लेकिन पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में 24 दिसंबर 2021 को कैबिनेट में लिए गए निर्णय अनुसार राज्य बीज निगम की स्थापित इकाईयों के माध्यम से स्वचलित मशीनों के माध्यम से रेडी टू ईट का उत्पादन करने का निर्णय लिया था। इसके पीछे शासन ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाईन का हवाला दिया था जिसमें मानव स्पर्श रहित गुणवत्ता युक्त आवश्यक पोषक तत्वों से भरे रेडी टू ईट बच्चों की सेहत के लिए उपयुक्त बताया गया है। तत्कालीन सरकार के इस फैसले से पिछले करीब डेढ़ दशक से रेडी टू ईट का निर्माण कर रहीं स्व सहायता समूह के हाथों से रोजगार छीन गया । 20 हजार से अधिक महिलाएं सीधे तौर पर इससे प्रभावित हुईं ।


1अप्रैल 2022 से राज्य बीज निगम की स्थापित इकाईयों के स्वचलित मशीनों के माध्यम से तैयार रेडी टू ईट बच्चों तक पहुंचाई जा रही है। जिले में राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम की इकाई छत्तीसगढ़ एग्रो फूड कार्पोरेशन लिमिटेड को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन फर्म सतत रूप से 2561 आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू ईट की आपूर्ति में नाकाम रहा है।सत्ता परिवर्तन के बाद भी फर्म की कार्यशैली में सुधार नहीं आई । साय सरकार ने गुणवत्तायुक्त समय पर रेडी टू ईट वितरण व्यवस्था सुनिश्चित करने स्थानीय महिला स्व सहायता समूहों को स्वरोजगार से जोड़ने आर्थिक रूप से सशक्त बनाने पूर्ववत संचालन व्यवस्था को महिला स्व सहायता समूहों को देने की घोषणा की है। करोड़ों रुपए का सेटअप स्थापित कर रेडी टू ईट की संचालन व्यवस्था छीनने से बौखलाए फर्म ने शासन की महती योजना पर पानी फेरना शुरू कर दिया । लोकसभा चुनाव के आदर्श आचार संहिता लागू होने के बीच सरकार की छवि खराब करने आदिवासी बाहुल्य आकांक्षी जिला कोरबा जिले में एक बार फिर नौनिहालों तक रेडी टू ईट के नियमित वितरण में नाकाम साबित हो रही। मार्च माह में फर्म ने रेडी टू ईट की आपूर्ति ही नहीं की। प्रत्येक माह के पहले सप्ताह (प्रथम मंगलवार टीएचआर दिवस) के पूर्व पहुंचाए जाने वाले रेडी टू ईट को माह के खत्म होते होते पहुंचाया। जिसकी वजह से जिले के सभी 10 परियोजनाओं के 2561 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से लाभान्वित होने वाले डेढ़ लाख हितग्राहियों
(6 माह से 6 वर्ष के नौनिहालों ,किशोरियों,गर्भवती एवं शिशुवती माताओं) को रेडी टू ईट नहीं बंट सका। इसके पूर्व भी जनवरी माह में पोंडीउपरोड़ा परियोजना में फर्म ने रेडी टू ईट की आपूर्ति नहीं की थी । रावा सेक्टर के आंगनबाड़ी केंद्र धौराभांठा एवं जटगा सेक्टर के माँझी में रेडी टू इट की आपूर्ति नहीं हुई थी। फर्म की लापरवाही से आंकांक्षी जिला कोरबा को कुपोष्णमुक्त बनाने की मंशा पर पानी फिर रही ।

एक्शन में विभाग, डीपीओ ने भेजी जीरो प्राप्ति का रिपोर्ट

इस बड़ी लापरवाही के मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग की डीपीओ रेनू प्रकाश ने फर्म के विरुद्ध कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने राज्य को भेजे गए रिपोर्ट में मार्च माह में रेडी टू ईट की प्राप्ति जीरो दर्शाई है। जिससे फर्म को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ सकता है । हालांकि इतना बड़ा मामला जिले में मीडिया के संज्ञान में नहीं आने प्रशासनिक कार्रवाई की सूचना नहीं मिलने से चर्चा का विषय भी बना हुआ है।

जीरो प्राप्ति का भेजा रिपोर्ट

मार्च माह के अंत में फर्म ने रेडी टू ईट की आपूर्ति की है। हमने राज्य को जीरो रिपोर्ट भेजी है। विभाग उचित कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।

  • रेनू प्रकाश, डीपीओ, मबावि कोरबा
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