रमन सिंह के पूर्व सचिव अमन सिंह को शुक्रवार को बड़ी राहत मिली है. आय से अधिक संपत्ति के मामले में कोर्ट ने अमन सिंह के खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है.
रायपुर,19 अप्रैल। रायपुर की ट्रायल कोर्ट से छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह के पूर्व प्रधान सचिव अमन सिंह को बड़ी राहत मिली है. अदालत ने अमन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति केस में क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है. छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा और एंटी करप्शन ब्यूरो की तरफ से यह क्लोजर रिपोर्ट फाइल की गई थी. ईओडब्ल्यू और एसीबी ने अमन सिंह के खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट पेश किया था, जिसे रायपुर की अदालत ने स्वीकार कर लिया है.
अदालत ने क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार किया: अदालत ने क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार करते हुए कहा कि अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का कोई मामला नहीं बनाया जा सकता है. यह फैसला ईओडब्ल्यू-एसीबी के नेतृत्व में एक लंबी जांच प्रक्रिया की परिणति को दर्शाता है, जो आरोपों को साबित करने में विफल रही. दंपति पर बेहिसाब संपत्ति इकट्ठा करने का आरोप लगाया था. रिपोर्ट पिछले साल दिसंबर में ईओडब्ल्यू द्वारा दायर की गई थी.
महेश जेठमलानी ने अमन सिंह का केस लड़ा था: अमन सिंह और उनकी पत्नी के केस की पैरवी वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने की थी. वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने एफआईआर के पीछे के उद्देश्यों की आलोचना की है और इसे न्याय के बजाय “राजनीतिक प्रतिशोध के लिए एक उपकरण” बताया. भूपेश बघेल की सरकार के बारे में जेठमलानी ने कहा कि यह केस अमन सिंह और यास्मीन सिंह के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध की भावना के तहत चलाया गया.
”यह दुखद है कि एक अधिकारी जिसने छत्तीसगढ़ के परिवर्तनकारी विकास में बहुत योगदान दिया, उसे निराधार आरोपों का सामना करना पड़ा.राजनीतिक विचारों के लिए ईमानदार अधिकारियों को निशाना बनाया जाना हतोत्साहित करने वाला है.” – सुनील कुमार, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव
इस केस में विभिन्न स्तरों पर न्यायिक जांच भी हुई है. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने ठोस सबूतों के आभाव में अमन सिंह और यास्मीन सिंह के खिलाफ दायर एफआईआर को रद्द कर दिया था.
सोर्स: पीटीआई
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