डेस्क । एक के बाद एक कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं भारत की जीडीपी वृद्धि दर पर अपनी मुहर लगा रही हैं। ज्यादातर वैश्विक संस्थाओं ने भारत की वृद्धि दर को लेकर अपने अनुमान को या तो स्थिर रखा है या फिर बढ़ा दिया है।
इसके साथ ही भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर सबसे आकर्षक निवेश गंतव्य बन गया है। इस कड़ी में नया नाम जुड़ा है अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का, जानिए भारत कितनी तरक्की करेगा…
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने बढ़ती घरेलू मांग और देश में बढ़ती कामकाजी उम्र की आबादी को देखते हुए 2024 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 6.8 फीसदी कर दिया है। आईएमएफ ने मंगलवार को कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है। इससे पहले विश्व बैंक ने भी भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। इसी अवधि में आईएमएफ ने चीन की जीडीपी वृद्धि दर 4.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। आईएमएफ ने ‘वर्ल्ड इकनॉमिक आउटलुक’ की अपनी ताजा रिपोर्ट में यह बात कही है। भारत की विकास दर 2024 में 6.8 प्रतिशत रहने वाली है, वहीं 2025 में 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
जल्द होगी आईएमएफ और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक
आईएमएफ की यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है, जब आईएमएफ और विश्व बैंक की वार्षिक वसंत बैठकें जल्द ही होने वाली हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि उभरते और विकासशील एशिया में विकास दर पिछले साल के अनुमानित 5.6 प्रतिशत से घटकर 2024 में 5.2 प्रतिशत और 2025 में 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। लेकिन इसके विपरीत भारत की विकास दर में वृद्धि होने वाली है।भारत की विकास दर को लेकर आईएमएफ ने जो अनुमान लगाया है, वह जनवरी के अनुमान से थोड़ा बेहतर है। आईएमएफ ने अपनी जनवरी की रिपोर्ट में 2024 के लिए भारत की विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
विकास के मामले में चीन पीछे रह जाएगा
आईएमएफ ने कहा है कि चीन की विकास दर में कमी आएगी। 2023 में यह 5.2 प्रतिशत थी, जिसके 2024 में घटकर 4.6 प्रतिशत और 2025 में 4.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। आईएमएफ ने इस मंदी के लिए कोविड के बाद की स्थिति, राजकोषीय प्रोत्साहन जैसे कारकों के कम प्रभाव और रियल एस्टेट में मंदी को जिम्मेदार ठहराया है।वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2024 और 2025 में पहले जैसी ही रहने की उम्मीद है। वैश्विक जीडीपी वृद्धि दर 2023 में 3.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरचिन्स का कहना है कि निराशाजनक अनुमानों के बावजूद वैश्विक अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। विकास स्थिर है। साथ ही, मुद्रास्फीति जितनी तेजी से बढ़ी थी, उतनी ही तेजी से नीचे आ रही है।
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