जशपुरनगर, 15 अप्रैल । जशपुरनगर जिले के तपकरा वन परिक्षेत्र के सोनाजोरी के सागजोर गांव की रहवासी जयंती कटुआ (26 वर्ष) की जान हाथी के हमले मे ही गई थी। मृतिका के पोस्ट मार्टम रिपोर्ट मे इसकी पुष्टि हो गई है। पीएम रिपोर्ट के बाद, पीड़ित परिवार को मुआवजा मिलने का रास्ता साफ हो गया है, उल्लेखनीय है दो दिन पूर्व तालाब मे नहाने के दौरान जयंती कटुआ पर तीन हाथियो के दल ने हमला कर दिया था।
ओड़िसा की ओर से आये इस दल मे एक नर और एक मादा हाथी के साथ एक शावक भी था। हाथियो को अपनी ओर आते हुए देख जयंती ने भागने का प्रयास किया था। लेकिन नर हाथी ने उसे दौड़ा कर, सुढ मे लपेट कर पटक दिया था। घटना मे घायल महिला को उपचार के लिए फरसाबहार के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ग्रामीणों ने पहुंचाया था। यहाँ परीक्षण के बाद चिकित्स्कों ने महिला को मृत घोषित कर दिया था।
घटना के बाद इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई थी कि जयंती कटुआ की मृत्यु हाथी के हमले से हुई है या जान बचाने के लिए भागने के दौरान गिरने से आई चोट से फरसाबहार के बीएमओ विनय कुमार भगत ने बताया कि पोस्ट मार्टम मे स्पष्ट हो चूका है कि जयंती कटुआ पर हाथी ने हमला किया था। जिससे उसके सिर पर गंभीर चोट आई थी और उसके पसली की हड्डीयां टूट गई थी।
दिव्यांग पति हुआ बेसहारा
घटना के समय मृतिका जयंती कटुआ गर्भवती थी। उसकी एक आँख भी खराब थी। मृतिका का पति सुनील कटुआ, दोनों आँखों से दिव्यांग है. सुनील के देखभाल की पूरी जिम्मेदारी पत्नी जयंती पर ही था। जयंती की मौत के बाद वह पूरी तरह से बेसहारा हो गया है। घटना के बाद, स्थानीय ग्रामवासी लगातार आर्थिक सहायता की मांग कर रहे थे। ग्रामीण वन विभाग से 9 लाख रूपये मुआवजा की मांग कर रहे है घटना के दूसरे दिन, वन विभाग ने मृतिका के पति सुनील कटुआ को 20 हजार की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई थी।
घोर हाथी प्रभावित क्षेत्र है तपकरा
जानकारी के लिए बता दें कि नागलोक के नाम से मशहूर फरसाबहार, छत्तीसगढ़ का सबसे अधिक हाथी प्रभावित क्षेत्र मे शामिल है। ओड़िसा और झारखण्ड के अंतर राजयी सीमा पर स्थित तपकरा वन परिक्षेत्र मे साल के 12 महीने हाथियो की हलचल बनी रहती है। ‘जयंती कटुआ की मौत, हाथी के हमले से हुई है। हाथी के हमले मे उसके सिर और पसली मे गंभीर चोट आई थी, जिससे उसकी मौत हुई।
- विनय कुमार भगत, बीएमओ, फरसाबहार
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