Haryana School Bus Accident Update: ग्रामीणों ने नशे में धुत ड्राइवर को रोका था, स्कूल स्टाफ को भी पता था; बस हादसे पर बड़ा खुलासा

गुरुवार सुबह हरियाणा के महेंद्रगढ़ में स्कूल बस के एक्सीडेंट में 6 बच्चों की मौत हो गई और करीब 20 बच्चे घायल हो गए। द इंडियन एक्सप्रेस की खबर में छपी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि जो बस हादसे का शिकार हुई, उसके ड्राइवर को गांव के लोगों ने बस चलाने से रोका था।

गांव वालों का कहना है कि स्कूल प्रशासन भी इस हादसे के लिए बराबर जिम्मेदार है।

हादसे के वक्त बस में सवार दो बच्चों के दादा हनुमान सिंह ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि हादसे के लिए स्कूल प्रबंधन भी बराबर जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि स्कूल वाले जानते थे कि बस ड्राइवर उस समय नशे में था।

हनुमान सिंह ने बताया कि खीरी तलवाना में जब कुछ गांव वालों ने ड्राइवर को नशे की हालत में लापरवाही से बस चलाते हुए देखा तो उन्होंने बस रुकवा दी और बस की चाबी निकाल ली। गांव वालों ने यह चाबी बस के अंदर मौजूद बस स्टॉफ को दे दी। इसके बाद गांव से करीब छह किलोमीटर दूरी पर हादसा हो गया।

हनुमान सिंह अपनी पोती राधिका का CT स्कैन करवाने के लिए रेवाड़ी के एक प्राइवेट अस्पताल में इंतजार कर रहे थे। उनकी पोतियां राधिका और भूमिका बस में सवार 40 स्टूडेंट्स में शामिल थी। राधिका के सिर में गंभीर चोट है। हनुमान सिंह ने बताया कि उन्हें हादसे की जानकारी स्कूल प्रबंधन का कॉल आने के बाद लगी, इसके बाद वो रेवाड़ी के सदर कनीना पहुंचे, जहां उनकी बच्चियां एडमिट हैं। उन्होंने बताया कि भूमिका के सीधे हाथ में चोट लगी है।

गांव वालों द्वारा बस रोके जाने की पुष्टि करते हुए सदर कनीना थाने के SHO रामनाथ ने बताया कि ड्राइवर ने तकरीबन दूसरे वाहन में टक्कर मार ही दी थी। उन्होंने बताया कि गांव वालों ने बस रोकी और चाबी ले ली। इसके बाद उन्होंने स्कूल वालों को फोन किया और बताया कि ड्राइवर नशे में है और लापरवाही से बस चला रहा है। बाद में उन्होंने चाबियां वापस दे दीं और ड्राइवर चला गया।

हनुमान सिंह की तरह महेश कुमार भी हादसे की जानकारी मिलने पर आनन-फानन में अस्पताल भागे। दुर्घटनाग्रस्त बस में उनके दो बच्चे और भतीजा सवार था। उन्होंने द इंडियन एक्सप्रेस को फोन पर बताया कि बच्चे सुबह साढ़े आठ बजे घर से निकले थे और नौ बजे मेरी पत्नी को कॉल आया कि एक्सिडेंट हो गया है। हम तुरंत भागे। मेरे बच्चे सेफ हैं, वे इस समय रेवाड़ी के अस्पताल में भर्ती हैं लेकिन भतीजे रिकी का निधन हो गया है।

महेश कुमार एक पूर्व सैन्यकर्मी हैं। उन्होंने बताया, “बच्चे मुझे बता रहे थे कि ड्राइवर स्पीड में चला रहा था, उन्होंने डा्रवर से बस धीरे चलाने के लिए भी कहा तो ड्राइवर ने कहा कि लेट हो रहा है और उसने बस लापरवाही से चलाई।” महेश कुमार की बेटी पूजा 11वीं क्लास में है जबकि बेटा पीयूष नौवीं क्लास में है। उनके सिर, हाथ औऱ कान में चोट आई है। रिकी आठवीं क्लास का स्टूडेंट था।

पुलिस बोली – स्कूल मैनेजमेंट के खिलाफ लेंगे एक्शन

महेंद्रगढ़ की DCP मोनिका गुप्ता ने कहा कि हादसे में ड्राइवर और स्कूल की लापरवाही सामने आई है। पुलिस सभी एंगल से जांच कर रही है। उन्होंने बताया कि यह स्कूल की जिम्मेदारी है कि वो हायरिंग से पहले ड्राइवर का बैकग्राउंड चेक करे। स्कूल प्रबंधन, प्रिंसिपल और ड्राइवर के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी बच्चों का इलाज सरकार द्वारा करवाया जाएगा। इस मामले में FIR दर्ज कर ली गई है।

पुलिस ने बताया कि हादसे में 21 बच्चे घायल हुए हैं, जिनमें से ग्यारह को रेवाड़ी और कुछ अन्य को रोहतक PGI रेफर किया गया है। जिन बच्चों की मौत हुई है, उनकी पहचान 12वीं क्लास के सत्यम शर्मा, 9वीं क्लास के युवराज और वंश, 8वीं क्लास के यक्षू औऱ रिकी औऱ 10वीं क्लास के अंशू के रूप में हुई है।