गर्मी शुरू होते ही अब पानी की डिमांड बढ़ गई, दूसरी ओर नहर में पानी छोड़ने से पंप में कचरा फंसने की वजह से टंकियां ही नहीं भर पा रही

0.निगम की 67 में से 42 वार्डों के लिए बायीं तट नहर में लगा है पंप, वहां भी सफाई नहीं,शहर में 18 और पश्चिम में 15 पानी टंकी में पानी नहीं

कोरबा,09 मार्च।नगर निगम के 42 वार्डों में गर्मी शुरू होते ही अब पानी की डिमांड बढ़ गई है। दूसरी ओर नहर में पानी छोड़ने से पंप में कचरा फंसने की वजह से टंकियां ही नहीं भर पा रही है। इस वजह से लोगों को भरपूर पानी नहीं मिल रहा है। कई क्षेत्रों में तो एक टाइम ही पानी दे पा रहे हैं। नल की धार पतली हो गई है, जिनके घरों में दूसरा कोई विकल्प नहीं है, उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

नगर निगम के 67 वार्डों में वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से पानी की आपूर्ति की जाती है। ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता अब 79 एमएलडी हो गई है। शहर के 42 वार्डों के करीब 38 हजार घरों में 13 पुरानी व 25 नई वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से पानी की आपूर्ति होती है। निगम ने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक पानी पहुंचाने के लिए बांयी तट नहर के पावर केनाल में बड़े-बड़े पंप लगाए हैं। तालाबों को भरने पावर केनाल में 1850 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। पूरी क्षमता के साथ पानी छोड़ने के कारण लबालब हो गया है।

पावर केनाल से पहले 200 मेगावाट पावर प्लांट में पानी पहुंचता था। यहां से पानी को सिंचाई की लिए छोड़ दिया जाता था। प्लांट बंद होने के बाद भी केनाल से पानी छोड़ा जाता है। अभी नहर में पानी छोड़ने से बहकर कचरा और जलकुंभी भी आ रही है, जो पंपों के नीचे लगे फुटबॉल में फंस जाता है। इस वजह से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक पानी पुरी तरह नहीं पहुंच पाता। इसकी कारण टंकियां भर नहीं पा रही। पंप को बंदकर सफाई करने में ही समय लग जाता है। इस वजह से पानी आपूर्ति का शेड्यूल भी बिगड़ गया है। निगम सुबह और शाम को पानी की आपूर्ति करता है, जो नियमित नहीं हो पा रही है। निगम के 67 में से 25 वार्ड पश्चिम क्षेत्र में आते हैं। यहां से लिए अमृत मिशन के तहत जल आवर्धन योजना फेस टू के माध्यम से पानी आपूर्ति की जा रही है। इसके लिए अलग से नया वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया है।

साथ ही हसदेव नदी पर सर्वेश्वर एनिकट का निर्माण भी कराया गया है। यहां इंटेकवेल से पानी लेते हैं, लेकिन फेस वन के लिए अभी भी नहर पर ही निर्भर है। निगम के 67 वार्डों में 33 पानी टंकियां है। इसमें से शहर में 18 और पश्चिम क्षेत्र के लिए 15 पानी टंकी का निर्माण किया है। पश्चिम क्षेत्र में 207 करोड़ की योजना से काम हुआ है । दोनों ही स्थान पर दो एमबीआर टंकी का निर्माण किया गया है, जहां पहले पानी भरा जाता है। वहां से छोटी टंकियां तक पानी पहुंचता है। टंकियां को भरने के लिए रात में भी पंप चलाना पड़ता है। घरों में प्रेशर के साथ अब नहीं आ रहा पानी महाराणा प्रताप नगर कॉलोनी के दिनेश कुमार ने बताया कि कुछ दिनों से प्रेशर के साथ पानी नहीं आ रहा है। कई बार तो एक समय ही पानी मिलता है। घर में पहले से ही बोर नहीं तो परेशानी रविशंकर शुक्ल नगर के सूर्य कुमार ने बताया कि मेरे साथ ही कई घरों में लोगों ने अलग से बोर लगाया है। नगर निगम के नल में नियमित आपूर्ति नहीं हो रही है। प्रेशर इतना कम कि घर की टंकी नहीं भरती आरपी नगर निवासी विशाल कुमार का कहना है कि कुछ दिनों से पानी नियमित नहीं आ रहा है। इसके साथ ही प्रेशर इतना कम रहता है कि घर की टंकी ही नहीं भरती।

हसदेव में बना एनीकट पर यहां से पश्चिम क्षेत्र को पानी

जलकुंभी व कचरा फंसने से आ रही समस्या: एई ^निगम के सहायक अभियंता राकेश मसीह का कहना है कि नहर में लबालब पानी आने से पंप के फुटबॉल में जलकुंभी चिपक जाता है। इससे टंकी को भरने में परेशानी आ रही है। तालाबों को भरने के बाद ही कम होगा पानी: एसडीओ ^हसदेव दर्री बराज उप संभाग के एसडीओ एसएन साय ने बताया कि तालाबों को भरने के लिए नहर में 2050 क्यूसेक पानी छोड़ रहे हैं ।अभी इस महीने के अंत तक नहर में पानी छोड़ा जाएगा। पानी की मात्रा अभी कम नहीं कर सकते।

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