बिलासपुर। दो हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाले के आरोपी ट्रांसपोर्टर अरविंद सिंह को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। जस्टिस पीपी साहू की बेंच में आरोपी की पैरवी करते हुए सीनियर एडवोकेट राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि पूरी कार्रवाई इनकम टैक्स की छापेमारी के आधार पर ईडी ने दर्ज की है। इसमें मनी लॉंड्रिंग का केस नहीं बनता है। सुप्रीम कोर्ट ने इसमें पहले से ही स्थगन दे दिया है। इसके अलावा ईडी ने प्रकरण में चालान पेश कर दिया है। ऐसे में याचिकाकर्ता को जेल में रखना उसके संवैधानिक अधिकारों का हनन है। सभी पक्षों को सुनने के बाद बेंच ने जमानत याचिका मंजूर कर ली।ज्ञात हो कि पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन काल के दौरान हुए कथित शराब घोटाले में ईडी ने 12 जून 2023 को भिलाई के एक मुक्तिधाम से ट्रांसपोर्टर अरविंद सिंह को तब गिरफ्तार किया था, जब वह अपनी मां को मुखाग्नि देने पहुंचे थे। इसके पहले ईडी अरविंद सिंह की तलाश कर रही थी। ईजी का दावा है कि सन् 2019 से 2022 के बीच शराब दुकानों में नकली होलोग्राम लगाकर शराब बेची गई। शराब निर्माता कंपनी, बॉटल और होलोग्राम बनाने वाली कंपनियों की इसमें साठगांठ थी।
बता दें कि कि पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन काल के दौरान हुए कथित शराब घोटाले में ईडी ने 12 जून 2023 को भिलाई के एक मुक्तिधाम से ट्रांसपोर्टर अरविंद सिंह को तब गिरफ्तार किया था, जब वह अपनी मां को मुखाग्नि देने पहुंचे थे। इसके पहले ईडी अरविंद सिंह की तलाश कर रही थी। वह फरार चल रहा था।
भिलाई के खुर्सीपार निवासी अरविंद सिंह के मुक्तिधाम पहुंचने की सूचना पर ईडी ने भी वहां घेराबंदी कर दी। अंतिम संस्कार की विधि पूरी होते ही ईडी ने अरविंद को हिरासत में ले लिया और टीम उसे लेकर अपने साथ चली गई। इस दौरान वहां पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पांडेय, विधायक देवेंद्र यादव सहित तमाम लोग मौजूद थे। ईडी ने इससे पहले पिछले महीने आबकारी विभाग के सचिव अरुण पति त्रिपाठी को मुंबई से गिरफ्तार किया था। अरविंद सिंह को उनका ही करीबी बताया जा रहा है।
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