कोरबा, 21 मार्च । लोकसभा चुनाव से पहले इलेक्टोरल बॉन्ड का मुद्दा गर्म है और कांग्रेस इस मामले में भाजपा को चारों तरफ से घेर रही है। कांग्रेस ने राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग से मांग किया है कि चुनावी चन्दा घोटाला के लिये भाजपा की मान्यता रद्द कर उसके चुनाव लडऩे पर प्रतिबंध लगाया जाय। यह भाजपा के भ्रष्टाचार का बड़ा नमूना है जिसमें मोदी सरकार ने कंपनियों पर ईडी, सीबीआई से छापा करा कर भाजपा के लिए चन्दा वसूला है।
जिला कांग्रेस कमेटी, कोरबा के ग्रामीण अध्यक्ष सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल ने इलेक्टोरल बॉन्ड घोटाला और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर ईओडब्ल्यू की एफआईआर पर प्रेस क्लब तिलक भवन में पत्रवार्ता आहूत कर कहा कि मोदी सरकार ने केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया है। विपक्षी दलों के नेताओं को परेशान करने के लिए ईडी, आईटी, सीबीआई को बीजेपी का वसूली एजेंट बना दिया है। जहां चुनाव होते हैं वहां के विपक्षी दलों नेताओं के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कराये जाते हैं, ईडी की ओर से षडयंत्र रचा जाता है। चुनाव के समय पूरे देश में यहीं स्थिति है।
उन्होंने कहा कि जिन कंपनियों ने भाजपा को चंदा दिया उनके खिलाफ मनीलांड्रिंग की कार्यवाही मोदी सरकार ने रुकवा दिया। इलेक्टोरल बांड से जुड़ी जानकारी सामने आने के बाद यह साफ हो गया है कि भाजपा ने अपने आर्थिक लाभ के लिए सारा षड्यंत्र किया। इसीलिए स्टेट बैंक इसको छुपाना चाहा, फिर भी जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार 1 हजार 300 से अधिक कंपनियों और व्यक्तियों ने इलेक्टोरल बांड के रूप में दान दिया है। 2019 के बाद से भाजपा को 6 हजार करोड़ से अधिक का दान मिला है। दान के तुरंत बाद इन कपंनियों ने मोदी सरकार से भारी लाभ प्राप्त किया है। मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रा ने 800 करोड़ रुपए से अधिक इलेक्टोरल बॉन्ड में दिए हैं। अप्रैल 2023 में, उन्होंने 140 करोड़ डोनेट किया और ठीक एक महीने 6 बाद, उन्हें 14 हजार 400 करोड़ रुपए की ठाणे-बोरीवली ट्विन टनल प्रोजेक्ट मिल गया। मेघा को दिसंबर 2022 में बीकेसी बुलेट ट्रेन स्टेशन का कांन्ट्रेक्ट मिला और उन्होंने उसी महीने 56 करोड़ रुपए का दान दिया। जिंदल स्टील एंड पावर ने 7 अक्टूबर 2022 को इलेक्टोरल बॉन्ड में 25 करोड़ रुपए दिए और सिर्फ 3 दिन बाद वह 10 अक्टूबर 2022 को गारे पाल्मा 4/6 कोयला खदान हासिल करने में कामयाब हो गया। इसी तरह हेटेरो फार्मा, यशोदा अस्पताल, शिरडी साईं इलेक्ट्रिकल्स, फ्यूचर गेमिंग एण्ड होटल्स जैसी कंपनियों ने भी चन्दा दिया है। श्री जायसवाल ने आरोप लगाया कि इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से मोदी सरकार ने रिश्वत लेने का नया तरीका खोजा और केन्द्र सरकार से कुछ मदद मिलने के बाद कंपनियों ने चुनावी बॉन्ड के माध्यम से अहसान चुकाया।
0 महादेव एप पर केन्द्र का प्रतिबंध क्यों नहीं
जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल ने सवाल किया है कि भाजपा, ईडी, महादेव एप के कर्ताधर्ताओं के बीच क्या संबंध है? पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ ईडी की जांच के आधार पर ईओडब्ल्यू के द्वारा एफआईआर में राजनैतिक षडय़ंत्र साफ दिख रहा है। लोकसभा चुनाव के पहले ही यह एफआईआर क्यों दर्ज की गई? ईडी की सारी कार्यवाहियों की टाईमिंग भाजपा को राजनैतिक लाभ पहुंचाने वाली क्यों होती है? केन्द्र सरकार महादेव एप पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगा रही? असीम दास, शुमभ सोनी, सौरभ चन्द्राकर, रवि उप्पल के भाजपा से संबंधों की जांच ईडी ने क्यों नहीं की?
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