पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurved) के एमडी और योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने अपने उत्पादों और उनकी औषधीय प्रभावकारिता के बारे में कंपनी के भ्रामक दावों को लेकर सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगी है।यह हलफनामा कल दायर किया गया था, जिसके एक दिन बाद अदालत ने भ्रामक विज्ञापनों पर अवमानना नोटिस का जवाब नहीं देने के लिए पतंजलि आयुर्वेद को कड़ी फटकार लगाई थी। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने बालकृष्ण और रामदेव को 2 अप्रैल को कोर्ट में पेश होने को कहा था।
अदालत में दायर एक हलफनामे में आचार्य बालकृष्ण ने कहा है कि वह कानून के शासन का सबसे अधिक सम्मान करते हैं। उन्होंने “अयोग्य माफ़ी” मांगते हुए कहा कि कंपनी “सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में ऐसे विज्ञापन जारी न किए जाएं”।
आचार्य बालकृष्ण ने स्पष्ट किया कि कंपनी का “इरादा केवल इस देश के नागरिकों को पतंजलि के उत्पादों का उपभोग करके स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करना है I बाबा रामदेव और बालकृष्ण द्वारा 2006 में स्थापित, पतंजलि आयुर्वेद एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है जो आयुर्वेदिक दवाओं से लेकर सौंदर्य उत्पादों से लेकर खाद्य पदार्थों तक उत्पादों की एक लंबी सूची बनाती है।
क्या है मामला ?
बता दें कि यह समूह अपने उत्पादों की प्रभावकारिता के बारे में भ्रामक विज्ञापनों को लेकर मुसीबत में फंस गया है। शीर्ष अदालत ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ (IMA) की एक याचिका पर सुनवाई चल रही है।
बाबा रामदेव पर वैक्सीनेशन अभियान और आधुनिक दवाओं के खिलाफ मुहिम चलाने का आरोप लगाया गया है। आरोप है कि पतंजलि ने अपने विज्ञापनों में ब्लड प्रेशर, मधुमेह, बुखार, मिर्गी और ल्यूपस जैसी बीमारियों का इलाज करने का दावा किया था।
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