रायपुर,15 मार्च । एमिटी विश्विद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह का आयोजन पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में 15 मार्च को किया जा रहा था, जिसमे 681 छात्र/छात्राओ को डिग्री प्रदान की गई। एनएसयूआई रायपुर ग्रामीण ज़िला अध्यक्ष प्रशांत गोस्वामी ने विरोध करते हुए बताया कि एमिटी विश्विद्यालय ख़ुद को प्रदेश का नंबर 1 विश्विद्यालय बताती है, किंतु वास्तविकता यह है कि यह प्रदेश का सबसे बड़ा अवैध वसूली का केंद्र है। प्रशांत गोस्वामी ने बताया कि एमिटी विश्विद्यालय की शिकायत एनएसयूआई ने राजभवन एवं विनियामक आयोग से भी की गई है। विश्विद्यालय द्वारा यूजीसी, पीयूआरसी, एनसीटीई के नियमों का सरे आम उल्लंघन हो रहा है, साथ ही 100% प्लेसमेंट के वादे करने वाली इस विश्विद्यालय के 681 छात्रो के दीक्षांत समारोह में 200 छात्र/छात्राओ को भी विश्विद्यालय द्वारा प्लेसमेंट नहीं दिया गया है तथा विश्विद्यालय की गुणवत्ता पर सवाल तभी उठता है।
विश्विद्यालय विगत 10 वर्षों से संचालित है, किंतु अब तक विश्विद्यालय को NAAC की मूल्यांकन प्राप्त नहीं हुआ है। पीएचडी जैसे पाठ्यक्रमों में एमिटी द्वारा बाह्य परिवेक्षक लिया जाता है जो पूर्णतः यूजीसी नियमविरूद्ध है। यह विश्विद्यालय आरक्षण के नियमानुसार एसटी/एससी/ओबीसी हेतु आरक्षित सीट के नियमों का भी सरे आम उल्लंघन करते नज़र आते है, जिसके विरोध में रायपुर एनएसयूआई ने दीक्षांत समारोह का फर्जी यूनिवर्सिटी मुर्दाबाद का पर्चा उड़ाकर विरोध किया और प्रदर्शन की चेतावनी दी गई। प्रदर्शन में प्रभारी महामंत्री हेमंत पाल,प्रदेश महासचिव निखिल वंजारी,प्रदेश सचिव विशाल कुकरेजा ,कुणाल दुबे, वैभव मुजेवार,प्रशांत चन्द्राकर, शिवांक सिंह,अंकित शर्मा,संदीप विश्वकर्मा, भुपेंद्र साहू, केतन वर्मा, दिव्यांश श्रीवास्तव, जितेंदर सिंह, विवेक जोशी, रूपेंद्र जांगड़े, सत्यदास मार्कण्डे, सेवा साहू, प्रियांशु सिंह, शुभांशु गेड़ेकर अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।
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