99 दीदियों ने एक साथ उड़ाए ड्रोन, मिला स्वामित्व व उड़ाने का लाइसेंस

भोपाल। नेशनल इंस्टीट्यूट आफ पल्स रिसर्च सेंटर में 99 ड्रोन दीदियों ने एक साथ ड्रोन उड़ाया। इनमें से 85 मध्य प्रदेश से और 14 महाराष्ट्र की थीं। कृषि कार्य में लगी युवा महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा ‘नमो ड्रोन दीदी’ योजना शुरू की गई थी। इसमें मप्र ग्रामीण विकास विभाग के अजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण दिया गया है, ताकि वे इसका उपयोग कृषि कार्य में कर सकें। इसी समूह की महिलाओं ने ड्रोन उड़ाकर अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दीदियों से वर्चुअल वार्ता की। फर्टीलाइजर कंपनियों के सहयोग से दीदियों में ड्रोन बांटा गया। जिसका स्वामित्व पत्र व उड़ाने का लाइसेंस सौंपा गया।

महालक्ष्मी स्वसहायता समूह से जुड़ी भोपाल के मुगलिया छाप निवासी मनीषा प्राजपति 30 साल की हैं। 12वीं पास मनीषा के पास पास दो एकड़ जमीन है। उन्होंने डेढ़ महीने पूर्व इंदौर के प्रेस्टीज इंस्टीटूयूट आफ इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट एंड रिसर्च से ड्रोन चलाने का पांच दिन का प्रशिक्षण लिया है। मनीषा ने बताया कि पहली बार पांच मिनट ड्रोन चलाकर बहुत अच्छा लगा। आगे मेरी योजना है कि ड्रोन से दवा छिड़काव कर खेती को लाभ का धंधा बनाऊं। पहले पीठ पर पंप लादकर दवा का छिड़काव करना पड़ता था। एक एकड़ में दवा का छिड़काव करने में पांच घंटे लगते थे, लेकिन ड्रोन के माध्यम से पांच मिनट में एक एकड़ में हो जाएगा। एक ड्रोन में दस लीटर पानी उठाने की क्षमता है। इसके माध्यम से गांव में दूसरे किसानों के खेतों में भी दवा का छिड़काव कर उनकी मदद करूंगी। इसी तरह की प्रतिक्रिया अन्य ड्रोन दीदियों की रही।

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