रायपुर,09 मार्च । चतुर्दशी तिथि पर 9 मार्च को आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में सुबह 8.30 बजे पार्श्वनाथ भगवान की बेदी के समक्ष 24 वे तीर्थंकर भगवान महावीर का रजत कलशों से अभिषेक कर चमत्कारिक रिद्धि प्रदाता वृहद शांति धारा की गई। इसे करने का सौभाग्य रवि जैन कुम्हारी को प्राप्त हुआ। साथ ही रिद्धि सिद्धि सुख शांति प्रदाता शांति धारा की गई। शांतिधारा का वाचन सुरेश मोदी द्वारा किया गया। तत्पश्चात सभी ने सामूहिक पूजा कर अर्घ्य चढ़ाए आज के पूजन में श्रेयश जैन बालू उपाध्यक्ष सुरेश मोदी रवि जैन प्रणीत जैन सुजीत जैन किशोर जैन पलक जैन उपस्थित थे।
8 मार्च को राजधानी के विधान सभा रोड स्थित सड्डू में एक नवीन जिनालय की परिकल्पना अब मूर्तरूप लेने के लिए आधारशिला रखी गई है। जैन शास्त्रों में अलेख है कि पंचम काल के अंत तक जैन धर्म निरंतर चलता रहेगा और धर्म की बागडोर युवाओं के हाथों में रहेगी। ऐसा ही कुछ चरितार्थ होते हुए दिख रहा है। जैन समाज के युवाओं ने समय की आवश्यकता को देखते हुए एक नवीन जिनालय बनाने का संकल्प लिया और उनके इस प्रण में आज प्राण प्रतिष्ठा की ओर पहला कदम रखते हुए नवम तीर्थकर पुष्पदंत नाथ भगवान के नवीन जिनालय के भूमि पूजन एवं शिलान्यास का कार्यक्रम शुक्रवार को आचार्य विद्यासागर महाराज के परम प्रभावक शिष्य बाल ब्रह्मचारी संजीव भैया कटंगी, बाल ब्रहमचारी सुनील भैया जबलपुर, बाल ब्रह्मचारी अंकित भैया जबलपुर के मंगल सानिध्य में सानंद संपन्न हुआ।
आयोजन के प्रारंभ में सर्वप्रथम जिनेंद्र भगवान के अभिषेक कि क्रियाएं संपन्न हुई तत्पश्चात ब्रहमचारी संजीव भैया के कुशल निर्देशन में भक्तामर महामंडल विधान का आयोजन संपन्न हुआ तथा आचार्य विद्यासागर महाराज के जीवन की विभिन घटनाओं को याद करते हुए, उन्हें समाज जन द्वारा विनयांजलि अर्पित की गई। मंगल विधान के पश्चात भूमि पूजन एवं शिलान्यास का कार्यक्रम प्रारंभ हुआ जिसमें रायपुर एवं छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों से पधारे धर्म प्रेमी जनों ने बड़ी तादाद में अपनी सामर्थ अनुसार दान देकर मंदिर निर्माण के इस पावन पुनीत अनुष्ठान में अपनी सहभागिता दर्ज कराई एवं सभी ने धातुओं की शिला आदि समर्पित कर विधि विधान पूर्वक मंदिर निर्माण की नीव रखी।
जैन मंदिर में मूल नायक भगवान पुष्पदंत नाथ स्वामी की प्रतिमा विराजमान करने का सौभाग्य राजीव जैन परिवार को प्राप्त हुआ, भगवान की बेदी निर्माण कराने का सौभाग्य महेंद्र-श्री प्रशांत-श्री निशांत जैन बांझल परिवार को प्राप्त हुआ, जिन मंदिर पर शिखर निर्माण कराने का सौभाग्य कुलदीप जैन परिवार को प्राप्त हुआ साथ ही जिनालय में 24 तीर्थकर भगवानों की प्रतिमाएं स्थापित होना प्रस्तावित हैं जिसके लिए 24 पुण्यार्जक परिवारों ने अपने नामोजी घोषणा की। कार्यक्रम में मुख्य रूप से मंदिर निर्माण में 11 ट्रस्टीयो की घोषणा हुई जिसमें विनोद जैन बड़जात्या, नरेंद्र जैन गुरु कृपा, मनीष जैन बिलासपुर, इंजी सुरेंद्र कुमार जैन, राजीव जैन फूडफिलिक्स, निशांत जैन सीए, कुलदीप जैन, आशुतोष जैन, डॉक्टर राहुल जैन, विकास जैन, महेंद्र कुमार जैन आदि सम्मिलित हैं।
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