Dipka-Gevra Mines में बेकाबू डोजर पलटा, ऑपरेटर की बची जान

कोरबा, 08 मार्च। कोल इंडिया की मिनी रत्न कंपनी और सबसे ज्यादा लाभ देने को लेकर चर्चित साउथ ईस्टन लिमिटेड की कोरबा जिले में स्थित दीपका ओपन कास्ट माइंस में हादसों का दौर जारी है । यहां पर आउटसोर्सिंग से कम कर रही एक निजी कंपनी के फेस में बेकाबू होकर डोजर पलट गया। घटना में ऑपरेटर की जिंदगी सुरक्षित होने से सभी ने राहत की सांस ली।


इस बारे में बताया गया कि साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) दीपका क्षेत्र के द्वारा ओवर बर्डन हटाने सहित कई प्रकार के काम कलिंगा कम्पनी को दिए गए हैं। काफी संख्या में कर्मचारियों को ऐसे कार्यों में अटैच किया गया है ताकि कार्य निष्पादकता ज्यादा हो सके। बताया गया कि कलिंगा कंपनी के फेस में डोजर नियोजित था , जो ऑपरेशन के अंतर्गत एकाएक बेकाबू होने के बाद पलट गया जिससे यहां पर अजीब स्थिति निर्मित हो गई। इस डोजर को कलाम खान ऑपरेट कर रहा था जिसने किसी तरह खुद को बचा लिया। इस घटना में उसे सामान्य चोट आई हैं ।

खदान क्षेत्र में हादसा होने की जानकारी होने पर साथ में काम करने वाले लोगों ने संज्ञान लिया और खान रेस्क्यू सेंटर को अवगत कराया। इसके बाद पीडि़त कर्मचारियों को विभागीय अस्पताल भेज दिया गया जहां पर उसे उपचार दिया जा रहा है। दूसरी और पहले की तरह अबकी बार भी इस मामले में खदान प्रबंधन की ओर से स्थानिय पुलिस को जानकारी देने की आवश्यकता नहीं समझी गई। इससे पहले भी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की दीपिका और गेवरा माइंस में अलग-अलग कर्म से इस प्रकार के हादसे होते रहे हैं और कर्मचारी को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है।


आखिर क्या जांच करता है डीजीएमएस ?


सबसे बड़ा सवाल इस बात पर उठ रहा है की खदान क्षेत्र में होने वाले हादसों को लेकर डायरेक्टर जनरल ऑफ माइंस सेफ्टी औपचारिक रूप से जांच करता है और इस मामले में कई प्रकार के दावे भी किए जाते हैं। कोरबा जिले के अंतर्गत साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के चार क्षेत्रों में 15 से अधिक खदानें चल रही हैं जहां पर आए दिन इस प्रकार के मामले होते हैं और जांच के लिए डीजीएमएस की टीम पहुंचती है। इस बारे में हल्ला ज्यादा होता है लेकिन अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है कि जांच में आखिर कौन सी बात उजागर होती रही है I

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