KORBA BREAK : अब छुरी के पास मिला ‘व्हाइट गोल्ड’, GSI की जांच के बाद लिथियम भंडार की पुष्टि

कोरबा जिले के कटघोरा के बाद अब छुरी के आसपास भी ‘व्हाइट गोल्ड’ यानी लिथियम के भंडार का पता चला है। इस जानकारी के बाद जल्द ही सर्वे का काम शुरू होगा। कटघोरा और कश्मीर में मिले लिथियम भंडार का खनन अधिकार पाने के लिए देश-विदेश की 50 बड़ी-बड़ी कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है।

इसमें कोल इंडिया, अडाणी, वेदांता जैसे समूह शामिल हैं, जिन्होंने लिथियम भंडार का खनन करने कंपोजिट लाइसेंस का टेंडर लिया है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) की जांच के बाद जेंजरा और छुरी में लिथियम के भंडार की पुष्टि हाे चुकी है। GSI अब इसकी रिपोर्ट केंद्रीय खान मंत्रालय और छत्तीसगढ़ शासन को भेजेगा। केंद्र सरकार ने खनन अधिनियम के लिए पिछले साल अगस्त में संशोधन किया था। इसके बाद से लिथियम, ग्रेफाइट, ग्लूकोनाइट जैसे 20 से ज्यादा खनिजों का पता लगाने और उनके खनन के लिए निजी क्षेत्र को भी अनुमति मिल गई है।

ई-व्हीकल की बैटरी बनाने के लिए लिथियम जरूरी

सफेद सोना कहे जाने वाले लिथियम का इस्तेमाल डिजिटल उपकरण और ई-व्हीकल की बैटरी बनाने के लिए जरूरी हो गया है। इसके अलावा सीमेंट और इस्पात उद्योग में भी उसकी उपयोगिता है। एक अधिकारी ने बताया कि कोल इंडिया ने कोयले के अलावा दूसरे खनिजों की खदान के लिए तैयारी शुरू की है। कटघोरा के लिथियम ब्लॉक में कोल इंडिया ने भी दिलचस्पी दिखाई है। अर्जेंटीना की केंटामार्का के साथ कोल इंडिया ने अर्जेंटीना में लिथियम खदानों के अधिग्रहण के लिए समझौता किया है। वेदांता, जिंदल, अडाणी ग्रुप के अलावा ओला इलेक्ट्रिक, श्री सीमेंट, ओरियंट, डालमिया, रूंगटा, अल्ट्राटेक ने भी लिथियम भंडार की बोली लगाने टेंडर लिए हैं। 50 से ज्यादा कंपनियों ने रुचि दिखाई, जिन्होंने अलग-अलग ब्लॉक के लिए 180 टेंडर पेपर लिए हैं। टेंडर की प्रक्रिया जारी है।

कोरबा जिले के डिप्टी डायरेक्टर माइनिंग प्रमोद कुमार नायक का कहना है कि जल्द ही कटघोरा लिथियम भंडार के जैसे, यहां के लिए भी कंपोजिट लाइसेंस देने के लिए नीलामी प्रक्रिया शुरू होगी।