KORBA :CSEB अफसर, पत्नी, पुत्र पर दहेज प्रताड़ना का केस

0.पीड़िता ने कहा- कार और रुपए की मांग को लेकर मारपीट और प्रताड़ित करते थे

कोरबा,06 मार्च। पुराना बस स्टैंड के निकट निवासी एक प्रतिष्ठित परिवार की लड़की के साथ उसके ससुराल में दहेज की मांग को लेकर प्रताड़ित करने के मामले में पुलिस ने पति, सास-ससुर पर अपराध दर्ज किया है। मामले में आरोपी पति नीरज कपिलेश व्यवसायी है, जबकि उसके पिता रमेश कपिलेश छत्तीसगढ़ पॉवर जनरेशन कंपनी के हसदेव पॉवर प्लांट में एसई के पद पर पदस्थ थे, जो कुछ दिन पहले ही रिटायर हुए हैं। वहीं उनकी पत्नी रोमी कपिलेश गृहिणी हैं। नीरज कपिलेश गायत्री मंदिर सीएसईबी चौक के पास सत्या इंटरप्राइजेस के नाम से कंप्यूटर स्टेशनरी का व्यवसाय करता है। पीड़िता ने जो रिपोर्ट दर्ज कराई है, उसके मुताबिक वह एमकॉम तक पढ़ी हुई है। उसका रिश्ता एचटीपीपी कॉलोनी दर्री के क्वार्टर नंबर डी-1 निवासी रमेश कपिलेश के पुत्र नीरज कपिलेश के साथ तय हुआ।

7 दिसंबर 2022 को उनकी शादी समारोहपूर्वक हुई। शादी के कुछ दिन पहले ही पीड़िता के पिता की आकस्मिक मृत्यु हो गई थी। उनका रिश्ता कुछ परिचितों की मध्यस्थता के साथ हुआ था। पिता के निधन के बाद मां, चाचा व भाई ने शादी में कहीं कोई कमी नहीं की। नगद राशि, जेवर, महंगे कपड़े, फर्नीचर दहेज में दिया गया। यहां तक कि शादी और विवाह भोज का खर्च भी उन्होंने ही किया। शादी के बाद ससुराल वाले उसे बार-बार और दहेज लाने के लिए प्रताड़ित करने लगे। शादी के बाद भी और दहेज मायके से दिया गया। तब तक परिजन यह मान रहे थे कि कुछ दिनों में सब कुछ ठीक हो जाएगा, लेकिन ससुराल वालों की दहेज मांग का सिलसिला नहीं रुका। जिस पर एक बार डेढ़ लाख रुपए का सोने का कड़ा भी मायके वालों ने दिया। किंतु फिर भी उन्होंने और रुपए व कार की मांग की। न देने पर मुझ से मारपीट और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता रहा। पीड़िता ने पुलिस को इस संबंध में दस्तावेजी प्रमाण भी पुलिस को दिए हैं। यह रिपोर्ट पीड़िता ने सिटी कोतवाली में दर्ज कराई है।

जान लेने की कोशिश हुई 7 जून 2023 को स्थिति यह बनी कि ससुराल वालों ने न केवल मारपीट की वरन् गला दबाकर जान लेने की कोशिश भी की, तब किसी तरह मैं अपने कमरे में भागकर गई।कमरे का दरवाजा बंद कर फोन से अपने चाचा और मां को इसकी खबर की, तब वे भागे भागे एचटीपीएस कॉलोनी स्थित घर आए। मेरे ससुराल वालों ने उनसे कहा कि जब तक हमारी सारी मांग पूरी नहीं करोगे, तब तक अब कोई बातचीत नहीं करना और मुझे घर से निकाल दिया। तब से मैं मायके में रह रही हूं। इस बीच मेरी मां ने सामाजिक स्तर पर मामले के निराकरण के लिए अनेक बार कोशिश की, किंतु उसका कोई नतीजा नहीं निकला।

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