रायपुर, 04 मार्च । पिछले कुछ महीनों में पशु क्रूरता के कई मामले हमारे सामने आए है। अधिकतर मामलों में आरोपी के खिलाफ पुलिस में FIR दर्ज किया गया और आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया। हम उन्हीं प्यारे कुत्तों को प्यार करते हैं प्यार से बस्किट खिलाते तो वें हमेशा के लिए हमारे वफादार हो जाते हैं। रात को चोर-उच्चके भी उनके कारण दूर रहते हैं। पुलिस और सिक्योरिटी फोर्स में भी डॉग्स की अहम भूमिका होती हैं। फिर हम इंसान इन बेज़ुबान प्यारे जीवों के खिलाफ क्यों इतना निर्दय हो जा रहे हैं? क्यों इन्हें चोट पहुंचा रहे हैं।
शिवरात्रि आने वाला है कुत्ते को बाबा भैरव का सवारी माना जाता हैं। साथ ही महाभारत में भी कुत्ते का ज़िक्र है। स्वर्ग के रास्ते में जहां धर्मराज युधिष्ठिर का साथ एक कुत्ते नी ही दिया। स्वर्ग में बिना उस कुत्ते के प्रवेश करने से युधिष्ठिर ने साफ इनकार कर दिया था। बात रही कुत्तों की काटने की तो उसका सही और कानूनी इलाज है केवल (ABC) एनिमल बर्थ कंट्रोल इसका मतलब उनका वैक्सिनेशन और बधियाकरण (नसबंदी)। जिसमें कही न कही प्रशासन फेल है।
कार चालक ने जानबूझकर कुत्ते को कुचल कर जान से मारा
ताजा मामला राजधानी रायपुर के गणपति नगर, चंगोराभाठा में एक कार सवार ने बर्बरता पूर्वक रोड पर सोए बेज़ुबान स्ट्रे डॉग (सड़क के कुत्ते) को अपनी कार से जानबूझकर कुचल कर उसे मौत के घाट उतार दिया। ये पूरी घटना CCTV फुटेज में कैद हो गई। जिसमें साफ नजर आ रहा है कि कार चालक चाहे तो ये घटना होने से रोक सकता था। इससे ये साफ है कि कार चालक ने इंटेंशनली बेज़ुबान जानवर की जान ले ली। ये मामला रायपुर के DD नगर थाना क्षेत्र का है।
ये घटना 1 मार्च 2024 की शाम करीबन 6 बजे की बताई रही है। वहां रहने वाले एक रहवासी के अनुसार, गणपति नगर, चंगोराभाठा निवासी विक्रम नाम के एक व्यक्ति ने जानबूझकर अपनी कार (CG 04 HY 9863) ने एक 4 महीने के शांत स्वभाव के पिल्ले के ऊपर चढ़ा दी थी। जो सो रहा था और कार की आवाज सुनकर जाग गया परंतु तब तक बहुत लेट हो चुका था। उस बेज़ुबान पप्पी ने बचने का खूब प्रयास किया पर उस राक्षस रूपी बहराम कार चालक ने पहले सामने चक्के से फिर पीछे के चक्के से भी बेज़ुबान को कुचल कर मार डाला। आवरा कुत्तों को एक जगह से दूसरे जगह ट्रांसफर करन, इन्हें जानबूझकर चोट पहुंचाना और लोगों को इन्हें खाना खिलाने से रोकना क़ानूनन अपराध है ये अवेयरनेस की कमी की वजह से लगातार ऐसे क्राइम हो रहे हैं।
एनिमल एक्टिविस्ट लगा रहे चक्कर पर चक्कर
जैसे ही पशु क्रूरता का ये मामला वहां के रहने वाले योगेश शर्मा के संज्ञान में आया उन्होंने पशु प्रेमियों और एनिमल एक्टिविस्ट की मदद से थाने में FIR दर्ज करवाने का प्रयास किया। परंतु पुलिस की ओर से इस मामले में खबर लिखे जाने तक कोई मदद नहीं मिली हैं। PETA (People for the Ethical Treatment of Animals) इंडिया की डॉ. किरण आहूजा ने संबंधित थाने के TI से FIR करने की गुजारिश। उन्होंने बताया की वहां से उन्हें नकारात्मक रिस्पांस मिला। जिसके बाद उन्होंने रायपुर पुलिस अधीक्षक से भी FIR कराने के लिए रिक्वेस्ट किया और उन्होंने उन्हें ऑफिसियल मेल ID में मेल भी किया पर वहां से भी FIR को लेकर उन्हें कोई पॉजिटिव रिस्पांस नहीं मिला। मेल में उन्होंने SP संतोष सिंह को CrPC के सेक्शन 154 (C) के तहत उनके दखल और TI को FIR का निर्देश देने के किए रिक्वेस्ट किया है।
सीसीटीवी में कैद हो गई घटना
रहवासी ने बताया कि इस हरकत से पहले भी वह कई बार आवारा कुत्तों और उनके पिल्ले को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर चुका है लेकिन नाकाम रहा। लेकिन इस बार वह सफल हो गया और उसने एक मासूम बेज़ुबान को मार डाला। मुझे उस पिल्ले की मौत के बारे में मेरी मां से पता चला, जो शाम करीब 7:30 बजे टहलने गई थी और उन्होंने मुझे उस पिल्ले की मौत का कारण जानने के लिए अपने घर पर लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच करने के लिए कहा। यह स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि विक्रम ने पिल्ले के सामने अपनी कार रोकी और जानबूझकर उसे पिल्ले के ऊपर चढ़ा दिया और नीचे से भागने की कोशिश की लेकिन वह पिल्ले को लगातार लगभग 4 मीटर तक घसीटता रहा और अपनी कार के अगले पहिये से उसे मार डाला।
पुलिस नहीं लिख रही FIR
रहवासी ने बताया कि इस घटना के बाद 2 मार्च 2024 को मेरी बहन विक्रम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए डीडी नगर पुलिस स्टेशन रायपुर गई, लेकिन उसे अविनाश सिंह (डीडी नगर पुलिस स्टेशन के टीआई, ने एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया। ). फिर हमने सीएसपी योगेश साहू से संपर्क करने की कोशिश की जिन्होंने एफआईआर दर्ज करने से भी इनकार कर दिया और कहा कि सिर्फ टीआई को लिखित शिकायत दो और फोन काट दिया। इसके बाद हमने एसपी रायपुर संतोष सिंह से भी संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने भी एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया और जवाब दिया कि हमने आपकी शिकायत ले ली है और हमें बताया है कि एफआईआर दर्ज करना या न करना हमारा काम है। जबकि IPC की धारा 429 और पशु क्रूरता निवारण कानून की धारा 11 (1) (L) के तहत ये जुर्म है और जेल की सजा का प्रवधान है।
मेनका गांधी को भी रहवासी ने लिखा मेल
उन्होंने PFA (पीपुल्स फॉर एनिमल) की चीफ सांसद मेनका गांधी को भी इस विषय में मेल किया है। उन्होंने सांसद से एफआईआर दर्ज करवाने में मदद और अपराधी को सबक सिखाने के लिए मार्गदर्शन मांगा है।ताकि भविष्य में आरोपी फिर से बेज़ुबान कुत्तों को नुकसान न पहुंचाए। उनके अनुसार, पिल्ले का शव एक भौतिक साक्ष्य है, जो 2 मार्च तक इनके पास था परंतु दिन-ब-दिन सड़ने की वजह से पिल्ले के शव को दफना दिया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे पास एक वीडियो क्लिप के रूप में सबूत है।
DM टावर से WRS कॉलोनी कुत्ते को रीएलोकेट करने बिरगांव निगम कमिश्नर के खिलाफ शिकायत
एनिमल रेस्क्यूअर मुकेश चन्द्रकुमार ने बताया कि, “26 फरवरी 2024 को मुझे किसी अनजान व्यक्ति द्वारा जानकारी प्राप्त हुई कि राजेश सिंह ठाकुर जो कि नगर निगम में दरोगा के पद पर शासकीय नौकरी पर कार्यरत है जिसके द्वारा डी.एन. यावर में रहने वाले सभी स्ट्रीट डॉग को उसके रहवास से हटाकर डब्लू, आर.एस. कालोनी के रेल्वे की तरफ जहां सुनसार एरिया हे वहां पर छोड़ दिया गया है। राजेश सिंह ठाकुर द्वारा किया गया यह कार्य अपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है क्योकि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार किसी भी स्ट्रीट डॉग जहां पर वे रहते है या रहवासी है उसको वहां पर रहने का मूल निवास का अधिकार दिया गया है अगर कोई ऐसे स्ट्रीट डॉग को जिस जगह का वह रहवासी है अगर उन्हें हटाकर दूसरी जगह छोड़ता है तो वह दंडनीय अपराध है। राजेश सिंह ठाकुर के साथ रूपेश साहू जो कि बंजारी मंदिर का डॉक्टर है मंदिर का एम्बुलेंस का उपयोग करके उन सभी स्ट्रीट डॉग को पकड़कर डब्लू, आर. एस. कालोनी के पास सुनसान एरिया में छोड़ दिये है जब मेरे द्वारा राजेश सिंह ठाकुर से मोबाईल के माध्यम से बातचीत हुई और मैने जब इस बारे में पूछताछ किया तो उसके द्वारा मुझे बताया गया कि मैने यह कार्य नगर निगम कमिश्नर बृजेश सिंह क्षत्रिय के कहने पर किया है। इसके पहले भी इसी कमिश्नर द्वारा ही 8-10 महीने पहले भी बिरगांव एरिया के स्ट्रीट डॉग एवं गाय-बैल को भी किसी जंगल एरिया में छोड़ा गया था जिसके बारे में स्वयं कमिश्नर बृजेश सिंह क्षत्रिय द्वारा मुझे बताया गया जिसके संबंध में मेनका गांधी के पास शिकायत भी की गई थी तथा मेनका गांधी द्वारा कमिश्नर को चेतावनी भी दी गई थी।”
शहरी क्षेत्र के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में नसबंदी में प्रशासन फेल
छत्तीसगढ़ में कुत्तों की नसबंदी में प्रशासन विफल नजर आता हैं, कुछ शहरों में ही इनका नसबंदी हो पाता है वो भी बहुत छोटे स्केल पर जिससे इनके तादाद में अंकुश नहीं लगाया जा पा रहा है। ज्यादा तादाद होने की वजह से इन्हें खाना नहीं मिलता और लगातार इनके खिलाफ हो रहे क्रूरता की वजह से ये एग्रेसिव भी हो जाते है।कई रिपोर्ट और रिसर्च के अनुसार नसबंदी और वैक्सिनेशन के बाद इनका एग्रेशन कम हो जाता हैं।
बीते कुछ महीनों में पशु क्रूरता से जुड़े मामले…
भिलाई में बुजुर्ग डॉग को डंडे से मारकर किया अधमरा, आरोपी गिरफ्तार
29 फरवरी 2024 को भिलाई में पशु क्रूरता का मामला सामने आया था। दो शख्स अचानक बाइक में आते है और उनमे से एक शख्स सड़क किनारे एक घर के सामने बैठे शांत बैठे हुए कुत्ते पर हत्या की नियत से मोटे डंडे से वार करने लगता है। आरोपी ने बड़े ही निर्मम तरीके से उस बेजुबान डॉगी पर हमला किया। जिससे वो अधमरा हो गया। ये मामला कृष्णा नगर बजरंग चौक वार्ड नं. 08, सुपेला भिलाई की है। मामला सुपेला थाना क्षेत्र के अंतर्गत है। मिली जानकारी के अनुसार घटना गुरुवार 29 फरवरी 2024 की रात करीबन 10 बजे की बताई जा रही है। आरोपी का नाम टी गोपाल राव उर्फ बुज्जी बताया जा रहा है। PFA दुर्ग-भिलाई ने इस मामले में FIR दर्ज करवाई और आरोपी को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया।
रायपुर के उरला में सोते हुए कुत्ते को व्यक्ति ने पत्थर से कुचल कर मारा, आरोपी गिरफ्तार
24 फरवरी 2024 को रायपुर के ही उरला के शिशु मानस भवन चौक के पास तुकाराम निषाद उर्फ छोटू नामक व्यक्ति ने एक मासूम कुत्ते की सोते समय बड़े पत्थर से सिर कुचलकर हत्या कर दी थी। उसी इलाके के निवासी पशु प्रेमी खगेश कश्यप ने स्निग्धा चक्रवर्ती और मुकेश के साथ कुत्ते की मौत की जांच की और सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से आरोपियों द्वारा जघन्य अपराध के बारे में पता लगाया, जहां तुकाराम सोते हुए कुत्ते की हत्या करते हुए दिखाई दे रहे हैं। मामले में उरला थाने में भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 429 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है और आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
कॉलोनी के व्हाट्सएप चैट में हो रही थी कुत्तों को मारने की प्लानिंग, एक पर डाला एसिड, मौत
कुछ दिनों से ऐसा देखा जा रहा है कि कॉलोनी और रहवासी क्षेत्र में भी बेजुबान जानवरों के प्रति क्रूरता बढ़ती जा रही है। इसी प्रकार की क्रूरता का एक उदाहरण रायपुर के अवंती विहार सेक्टर-2 क्षेत्र में देखने को मिला। मिली जानकारी के अनुसार, संभ्रांत परिवार के कुछ लोगों द्वारा उसी एरिया के कुतों के ऊपर एसिड डाला गया और लगतार उनको मारने की प्लानिंग उनके वाट्सऐप ग्रुप में भी सभी के द्वारा मिल कर की जा रही है। इसमें एक एसिड अटैक कुत्ते की मौत हो गैव।
रायपुर में दिन दहाड़े फ्लाइओवर के साइड में बैठे बुजुर्ग कुत्ते को पत्थर से कुचला, आरोपी अरेस्ट
11 फरवरी 2024 को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पशु क्रूरता का बेहद ही दर्दनाक मामला सामने आया था। रविवार सुबह तेलघानी नाका ओवर ब्रिज में एक व्यक्ति द्वारा उम्रदराज स्ट्रीट डॉग को बेरहमी से पत्थर से कुचलकर मौत के घाट उतार दिया गया। आरोपी ने न सिर्फ बेजुबान जानवर की निर्मम हत्या की बल्कि उसने बेजुबान की हत्या के बाद भी बार-बार पत्थर से उसके शरीर को कुचलता रहा। जब तक वहां से गुजरने वाले लोगों ने उसे रोका नहीं और पुलिस के हवाले नहीं किया तब तक वो शैतान रूपी इंसान दम तोड़ चुके कुत्ते के साथ हैवानियत करता रहा। यह वारदात रायपुर के गंज थाना फाफाडीह की है। मिली जानकारी के अनुसार आरोपी शराबी प्रवत्ति का लग रहा है। आरोपी गुढ़ियारी इलाके का रहने वाला है। राहगीरों ने इसकी जानकारी एनिमल रेस्क्यूअर और NGO को दी। कुछ लोगों ने इसका वीडियो बनाया। जो सोशल मीडिया के वायरल हुआ। इस मामले में पशु प्रेमी एवं एनिमल रेस्क्यूअर ने गंज थाना प्रभारी से शिकायत की। इसके बाद कुत्ते के शव का पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। समाज के लिए ऐसे अपराधीक प्रवृत्ति के लोग खतरा है। कल ये किसी के साथ भी ऐसा घिनौना और निर्मम कृत्या कर सकते है। FIR की बाद आरोपी की गिरफ्तारी पुलिस ने कर ली थी।
बलौदाबाजार में सरपंच पर लगा 26 कुत्तों का नरसंहार का आरोप
जनवरी 2024 में छत्तीसगढ़ में पशु क्रूरता का बड़ा और गंभीर मामला सामने आया है। बलौदाबाजार के कोरदा-लवन में सरपंच पर आरोप है कि, उसने बाहर से शिकार बुलाकर 26 बेजुबानों को मौत के घाट उतरवा दिया। इस घटना से बड़ा सवाल ये उठता है कि, बेजुबानों पर कोई इतना बेरहम कैसे हो सकता है कि हत्या ही करवा दे। वो भी एक-दो नहीं, 26 श्वानों की? मामला कोयदा गांव का बताया जा रहा है। सरपंच हेमंत साहू ने 24 दिन पहले गांव में बाहर से शिकारी बुलवाए थे। उन्हें गांव की गलियों में घूमने वाले आवारा श्वानों को मारने कहा था। शिकारियों ने एक ही दिन में 26 श्वानों को मौत के घाट उतार – दिया। इनके शवों को गांव के तालाब और नदियों के रास्ते में फेंकवाया-गया है।
दुर्ग में डंडे से मारकर व्यक्ति ने ली थी बेज़ुबान की जान, आरोपी गिरफ्तार
24 जनवरी 2024 को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में अहिवारा से 7 किलोमीटर दूर डूमर गांव में पशु क्रूरता का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया था। 24 जनवरी को एक वीडियो सामने आया जिसमें एक व्यक्ति जिसका नाम अमरनाथ यादव बताया जा रहा है। वह एक डंडे से बेजुबान श्वान यानि कुत्ते की बेरहमी से हत्या करते नजर आ रहा है और वहां खड़े सभी लोग इसका तमाशा देख रहे हैं। दूर से डरे सहमे किसी छात्र ने पुरे मामले का वीडियो बनाया जिसके कारण यह मामला सभी के सामने आ पाया। इस वीडियो को देखकर किसी भी आम इंसान की रूह कांप जाएगी पर क्रूरता करते हुए उसे व्यक्ति के हाथ भी नहीं कांपे। आरोपी के खिलाफ एनिमल लवर आदर्श राय ने FIR दर्ज करवाया था। आरोपी को नंदनी नगर थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
डिग्री गर्ल्स कॉलेज के प्रिंसिपल पर डॉग के बच्चों को फेंकवाने का लगा था आरोप
जनवरी 2024 के अंतिम हफ्ते में राजधानी रायपुर के डिग्री गर्ल्स कॉलेज के प्रिंसिपल पर डॉग के बच्चों को फेंकवाने का आरोप लगा था। पीपल फॉर एनिमल के मेंबर ने इसकी शिकायत भी की थी। उनका कहना है कि बच्चों को उनकी मां से दूर करने पर चार में से 2 बच्चों की मौत हो गई है। उन्होंने प्रशासन से सख्त सजा देने की मांग की है। इस मामले में PETA इंडिया से जुड़ी डॉ. किरण आहूजा ने कोतवाली थाने में FIR भी दर्ज कराई थी।
गया नगर दुर्ग में कुत्ते को जान से मार डाला
16 जनवरी 2024 को दुर्ग जिले में पशु क्रूरता का मामला सामने आया था। गया नगर क्षेत्र में कुछ लोगों ने एक स्ट्रे डॉग को जान से मार दिया है। वहाँ के लोगों का कहना था कि विगत कुछ दिनों से कुत्ते के आतंक से रहवासी परेशान थे। वहाँ के लोगो निगम को जानकारी दी पर निगम के अधिकारियों द्वारा कोई व्यवस्था नही होने की बात कहते हुए हाथ खड़े कर दिया गया।
पिछले साल बिलासपुर में भी हुआ था ऐसा ही मामला
बेजुबान जानवरों के खिलाफ क्रूरता आये दिन बढ़ते जा रही है। लगातार लोग इन्हें चोट पहुंचाते जा रहे है। बिलासपुर में जहाँ घर के सामने बैठे एक कुत्ते पर दो बार ड्राइवर ने गाड़ी चढ़ा दी थी। जिससे कुत्ता बुरी तरह चोटिल हो गया था। इस मामले में CCTV वीडियो सामने आया है जिसे बिलासपुर की डॉग लवर और निधि जीव आश्रय NGO की निधि तिवारी ने सोशल मीडिया में शेयर किया। जिसमें ड्राइवर जान बूझकर पालतू जानवर पर क्रूरता करते नजर आ रहा है। इस मामले की शिकायत के बाद भी कुछ बड़ी कारवाई पुलिस के द्वारा नहीं की गई। ये मामला बिलासपुर के सरकंडा थाना का था।
कॉलोनियों में भी बेज़ुबानों को किया जाता है परेशान
बीते साल रायपुर के प्रोफेसर कॉलोनी में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहाँ पूरी वारदात CCTV फुटेज में रिकॉर्ड हुई है। दरहसल एक व्यक्ति द्वारा स्ट्रीट के डॉग्स के क्रूरता करते कई वीडियो सामने आए है। घर के सामने कुत्तों को बैठा देख व्यक्ति डंडा लेकर निकलता है और उनको पीटता और भगाता है। वीडियो में उस घर के बच्चे भी कुत्तों के ऊपर पानी डालते दिखाई दिए है। पुलिस से इस मामले की शिकायत की गई। जिसके बाद कड़ी मशक्कत के बाद FIR दर्ज हुआ है। FIR होने के बाद भी कुत्तों को परेशान करने का और पीटने का सिलसिला जारी था। इस साल भी फार्च्यून सोसाइटी तातीबंध मेन ऐसा मामला सामने आया जिसमें कुत्तों को जबरन परेशान किया जा रहा था। इनके अलावा भी कई मामले जैसे रायपुर में एक व्यक्ति द्वारा कुत्तों पर एसिड डालना हो या उनकी हत्या करना हो। ऐसे और भी कई मामले हैं जो जागरूकता की कमी होने की वजह से रिकॉर्ड ही नहीं हो पाते।
5 साल तक की हो सकती है सजा!
IPC की धारा 429 किसी जानवर की हत्या करना या अपाहिज करने को अपराध बनाती है। ये धारा कहती है कि अगर किसी जानवर की हत्या की जाती है, उसे जहर दिया जाता है या फिर अपाहिज किया जाता है, तो दोषी पाए जाने पर 5 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है। वहीं, पशु क्रूरता निवारण कानून की धारा 11 (1) (L) के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति किसी जानवर के हाथ-पैर काटता है या बिना वजह ही क्रूर तरीके से उसकी हत्या करते है, तो ऐसा करने पर दोषी पाए जाने पर तीन महीने तक की कैद या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
संविधान का अनुच्छेद 51 (A) (g)क्या कहता है?
संविधान का अनुच्छेद 51 (A) (g) कहता है कि हर जीवित प्राणी के प्रति सहानुभूति रखना हर नागरिक का मूल कर्तव्य है। यानी, हर नागरिक का कर्तव्य है कि वो पर्यावरण और प्रकृति का संतुलन बनाए रखे।
1960 में लाया गया था पशु क्रूरता निवारण अधिनियम
देश में पशुओं के खिलाफ क्रूरता को रोकने के लिए साल 1960 में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम लाया गया था। साथ ही इस एक्ट की धारा-4 के तहत साल 1962 में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड का गठन किया गया। इस अधिनियम का उद्देश्य पशुओं को अनावश्यक सजा या जानवरों के उत्पीड़न की प्रवृत्ति को रोकना है। मामले को लेकर कई तरह के प्रावधान इस एक्ट में शामिल हैं। जैसे- अगर कोई पशु मालिक अपने पालतू जानवर को आवारा छोड़ देता है या उसका इलाज नहीं कराता, भूखा-प्यासा रखता है, तब ऐसा व्यक्ति पशु क्रूरता का अपराधी होगा।
10 पॉइंट्स में समझिए पशु क्रूरता से जुड़े कानून :-
- प्रिवेंशन ऑन क्रूशियल एनिमल एक्ट 1960 की धारा 11(1) कहती है कि पालतू जानवर को छोड़ने, उसे भूखा रखने, कष्ट पहुंचाने, भूख और प्यास से जानवर के मरने पर आपके खिलाफ केस दर्ज हो सकता है। इसपर आपको 50 रुपए का जुर्माना हो सकता है। अगर तीन महीने के अंदर दूसरी बार जानवर के साथ ऐसा हुआ तो 25 से 100 रुपए जुर्माने के साथ 3 माह की जेल सकती है।
- भारतीय दंड संहिता की धारा 428 और 429 के तहत अगर किसी ने जानवर को जहर दिया, जान से मारा, कष्ट दिया तो उसे दो साल तक की सजा हो सकती है। इसके साथ ही कुछ जुर्माने का भी प्रावधान है।
- भारत सरकार के एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल (2001) के अनुसार किसी भी कुत्ते को एक स्थान से भगाकर दूसरे स्थान में नहीं भेजा जा सकता। अगर कुत्ता विषैला है और काटने का भय है तो आप पशु कल्याण संगठन में संपर्क कर सकते हैं।
- भारत सरकार के एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल (2001) की धारा 38 के अनुसार किसी पालतू कुत्ते को स्थानांतरित करने के लिए चाहिए कि उसकी उम्र 4 माह पूरी हो चुकी हो। इसके पहले उसे एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना अपराध है।
- जानवरों को लंबे समय तक लोहे की सांकर या फिर भारी रस्सी से बांधकर रखना अपराध की श्रेणी में आता है। अगर आप जानवर को घर के बाहर नहीं निकालते तो यह भी कैद माना जाता है। ऐसे अपराध में 3 माह की जेल और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
- प्रिवेंशन ऑन क्रूशियल एनिमल एक्ट 1960 की धारा 11(1) के तहत अगर किसी गोशाला, कांजीहाउस, किसी के घर में जानवर या उसके बच्चे को खाना और पानी नहीं दिया जा रहा तो यह अपराध है। ऐसे में 100 रुपए तक का जुर्माना लग सकता है।
- मंदिरों और सड़कों जैसे स्थानों पर जानवरों को मारना अवैध है। पशु बलिदान रोकने की जिम्मेदारी स्थानीय नगर निगम की है। पशुधन अधिनियम, 1960, वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत ऐसे करना अपराध है।
- किसी भी जानवर को परेशान करना, छेड़ना, चोट पहुंचाना, उसकी जिंदगी में व्यवधान उत्पन्न करना अपराध है। ऐसा करने पर 25 हजार रुपए जुर्माना और 3 साल की सजा हो सकती है।
- वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 16 (सी) के तहत जंगली पक्षियों या सरीसृपों को नुकसान पहुंचाना, उनके अंड़ों को नुकसान पहुंचाना, घोंसलों को नष्ट करना अपराध है। ऐसा करने का दोषी पाए गए व्यक्ति को 3 से 7 साल का कारावास और 25,000 रुपये का जुर्माना हो सकता है।
- ट्रांसपोर्ट ऑफ एनिमल रूल्स, 1978 की धारा 98 के अनुसार, पशु को स्वस्थ और अच्छी स्थिति में ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना चाहिए। किसी भी रोग ग्रस्त, थके हुए जानवर को यात्रा नहीं करानी चाहिए। ऐसा करना अपराध है।
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