मात्र 6 से 7 हजार में कर सकते हैं हिमाचल प्रदेश के खूबसूरत राक्छम गांव को एक्सप्लोर

नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश पर्यटकों के पसंदीदा ट्रैवल डेस्टिनेशन्स में से एक है, क्योंकि यहां घूमने वाले ठिकानों की कोई कमी नहीं। हिमाचल हर तक के ट्रैवलर्स का बांहें खोलकर स्वागत करता है फिर चाहे वो नेचर हो या, एडवेंचर लवर्स, फोटोग्राफी के शौकीन हों या फिर इतिहास को जानने में रूचि रखने वाले। यहां कई ऑफबीट जगहें भी हैं, जिसे एक्सप्लोर करना एक यादगार अनुभव हो सकता है, लेकिन अगर आप अपनी यात्रा में सुकून की भी तलाश कर रहे हैं, तो निकल जाएं यहां के गांवों की ओर।

यहां कई छोटे-छोटे ऐसे गांव हैं, यहां बेशक आपको शहरों जितनी सुविधाएं नहीं मिलेंगी, लेकिन होमस्टे में ठहरना, लोकल जायकों को चखना भी एक अलग ही तरह का एक्सपीरियंस होता है।  हिमाचल प्रदेश का राक्छम ऐसा ही खूबसूरती से भरपूर गांव है। जिसका आप गर्मियों में प्लान बना सकते हैं। इस गांव को घूमने के लिए बहुत ज्यादा पैसों की भी जरूरत। 5 से 7 हजार काफी हैं मौज-मस्ती के लिए। गांव के चप्पे-चप्पे को कवर करने के लिए तीन से चार दिनों का वक्त काफी है।

राक्छम गांव

राक्छम गांव किन्नौर जिले में स्थित है। जो यहां का शानदार हिल स्टेशन है। समुद्र तल से करीब 10 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद इस गांव को अपने अद्भुत नजारों के लिए जाना जाता है। बस्पा नदी इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करती है। देवदार के ऊंचे-ऊंचे पेड़, बर्फ से ढ़के पहाड़, दूर-दूर तक फैले घास के मैदान मन मोहने का कोई मौका नहीं छोड़ते।

ले सकते हैं इन एडवेंचरर्स का मजा

राक्छम गांव आकर भी टूरिस्ट्स कई तरह की एक्टिविटीज एन्जॉय कर सकते हैं। आप यहां सर्दी हो या गर्मी, कभी भी प्लान कर सकते हैं। हालांकि गर्मियां बेस्ट ऑप्शन हैं। ट्रैकिंग, हाइकिंग जैसे एडवेंचर्स ट्राई कर सकते हैं।

आसपास घूमने की जगहें

राक्छम गांव आकर आप बस्पा घाटी के किनारे बैठकर यादगार पल बिता सकते हैं। यहां भगवान शिव का भी मंदिर है, इसके अलावा बुद्ध भगवान का भी मंदिर देखने लायक है। वक्त हो तो चिटकुल घूमने का भी प्लान बना सकते हैं।

ऐसे पहुंचे राक्छम गांव

हिमाचल प्रदेश के इस खूबसूरत गांव को एक्सप्लोर करने के लिए आपको पहले शिमला पहुंचना होगा। शिमला के लिए ज्यादातर जगहों से आपको बस मिल जाएंगी। शिमला से फिर सांगला का सफर तय करना होता है। सांगला से गांव की दूरी बस 15 किलोमीटर है। वैसे किन्नौर से भी राक्छम गांव बहुत ज्यादा दूर नहीं। 

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]