कोरबा/करतला, 27 फरवरी । कोरबा जिले में प्रशासनिक व्यवस्था इतनी लचर और भ्रष्ट हो चुकी है की रेत का अवैध उत्खनन रुकने का नाम ही नही ले रहा है। जिले के विकास के लिए महत्वपूर्ण गौण खनिज का दोहन किया जा रहा है। रेत के माफिया अवैध उत्खनन का कार्य जिला प्रशासन के आला अधिकारी एवं खनिज विभाग के संरक्षण से ही चल रहा है। रेत का अवैध कारोबार जिले में जमकर फल फूल रहा है।
करतला विकासखण्ड के ग्राम तरदा में रोज सैकड़ों ट्रैक्टर रेत खुलेआम चोरी हो रहा है। बिना रॉयल्टी के रेत औने पौने दामों पर बेचा जा रहा है। अवैध रेत निकासी से अधिकारियों के जेब जरूर फूलने लगे है लेकिन सरकार की जेब खाली है क्योंकि बिना रॉयल्टी के प्रतिदिन जिले में हजारों ट्रैक्टर का अवैध परिवहन हो रहा है जिससे शासन को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तरदा खदान से अवैध रेत की तस्करी कर भारत माला के कैम्प में सप्लाई की जा रही है। चूंकि भारत माला तरदा ग्राम से ही होकर गुजर रही है जिसका कैम्प तरदा रेत खदान के पास ही लगाया गया है। इससे भारत माला के ठेकेदार को बिना रायल्टी के कम दाम में आसानी से रेत उपलब्ध हो जा रहा है और तरदा के ट्रैक्टर मालिकों को भी बड़ी आमदनी हो रही है। तरदा गांव से लगा हुआ कैम्प होने के कारण ट्रैक्टर मालिक एक एक ट्रैक्टर से दिन रात मिलाकर 20 से 25 ट्रिप प्रतिदिन रेत की सप्लाई करते हैं।
खनिज विभाग की कार्यशैली संदेहास्पद
जिस तरह से तरदा रेत खदान से बेखौफ रेत की तस्करी हो रही है उससे खनिज विभाग की कार्यशैली पर संदेह प्रतीत हो रहा है। तरदा से कुछ किलोमीटर की दूरी पर उरगा में खनिज विभाग का जांच नाका है जहाँ पर जाँच अधिकारी की नियुक्ति की गई है। फिर भी अधिकारियों के नाक के नीचे से बड़े पैमाने पर रेत की धड़ल्ले से तस्करी खनिज विभाग के अधिकारियों के कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाती है। इस तरह बड़े पैमाने पर रेत की अवैध तस्करी अधिकारियों के संरक्षण के बिना संभव नहीं हो सकता।
रॉयल्टी चोरी से करोड़ों का राजस्व नुकसान!
राज्य शासन को प्राप्त राजस्व में से गौण खनिज एक महत्वपूर्ण आय है जिससे ज़िले में विकास कार्य होते है। कोयले में अफरा तफरी तो जिले में हो रही थी अब रेत की खुलेआम चोरी को भी जिला प्रशासन नही रोक पा रहा है। ट्रैक्टर चालकों की मानें तो हर विभाग में महीना पैसा जा रहा है जिससे उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। जिले के आला अधिकारी अपनी जेब भरने में लगे है जबकि राज्य शासन का राजस्व नुकसान हो रहा है। खनिज विभाग के अधिकारी भी दो चार कार्यवाही करके वाहवाही लूट लेते है।
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