मोदी की ‘गारंटी’ महतारी वंदन योजना में कोरबा जिले में बड़ी लापरवाही , दावा आपत्ति के दिन पंचायत भवन में जड़ा ताला, कर्मचारी नदारद…पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर के गृह ग्राम पंचायत के अपात्र हुए हितग्राहियों ने कलेक्टर से की जिम्मेदार कर्मचारियों को निलंबित करने की मांग, देखें शिकायत पत्र….

कोरबा, 25 फरवरी । महतारी वंदन योजना को लेकर कोरबा आंकांक्षी जिला -कोरबा से बड़ी लापरवाही सामने आ रही। दावा आपत्ति के अंतिम दिन पंचायत भवन में ताले लटक रहे,जिसकी वजह से अपात्र हितग्राही दावा आपत्ति दर्ज नहीं करा पा रहे। पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर के गृह ग्राम पंचायत में सैकड़ों हितग्राही अपात्र हो गए हैं,हितग्राहियों के दावा आपत्ति लेने जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी पंचायत भवन से नदारद हैं। नाराज हितग्राहियों ने कलेक्टर से जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

कलेक्टर को लिखे पत्र में ग्राम पंचायत सलिहाभांठा की हितग्राही श्रीमती शांति बाई,श्रीमती रजनी जायसवाल ने अवगत कराया है कि वो ग्राम पंचायत सलिहाभांठा की निवासी हैं ,माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी पर भरोसा जताते हुए उन्होंने बीजेपी सरकार को वोट दिया था। सरकार ने भी वादा निभाते हुए महतारी वंदन योजना में आवेदन मंगाया,वे ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं हूं ग्राम पंचायत मुख्यालय में उन्हें जो जो दस्तावेज मांगे गए थे ,उसको उपलब्ध कराते हुए फार्म भरा था। बकायदा उन्हें इसकी पावती भी दी गई थी । इस दौरान सचिव आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से पूछे जाने पर उन्होंने आवेदन को विधिवत पूर्ण बताया था। लेकिन आज जब पात्र आवेदकों की सूची पंचायत में चस्पा की गई है । उसमें उनका नाम दर्ज नहीं है ,स्पष्ट है कि वे अपात्र हैं । अपात्रों की सूची तक मुख्यालय में चस्पा नहीं की गई है जिससे अपात्रता के वास्तविक कारणों का भी उन्हें पता चल सके। वे आज 25 फरवरी को दावा आपत्ति के लिए ग्राम पंचायत भवन गई थी ,लेकिन वहां कोई भी जिम्मेदार कर्मचारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता,सहायिका मौजूद नहीं थे। जिससे वे निराश वापस लौट आई । उन्होंने शासन की इस महती योजना में अपात्र होने से ज्यादा दुःख कम पढ़े लिखे व वयो वृद्धों को योजना की समुचित जानकारी नहीं देने , कमियों का निराकरण नहीं करने को बताया है । उन्होंने भाजपा सरकार , कलेक्टर से गुजारिश की है कि पंचायत ,विभाग के समस्त जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर उन्हें निलंबित करें,अन्यथा आगामी भविष्य में सरकार से उनका भरोसा उठ जाएगा।

गौरतलब हो कि डीपीओ श्रीमती प्रीति खोखर चखियार के निर्देश के बावजूद रविवार को दावा आपत्ति के अंतिम दिन जिम्मेदार कर्मचारियों का कार्यालयीन समय मे गायब रहना घोर लापरवाही को दर्शाता है।मॉनिटरिंग के नाम पर भी डीपीओ सीडीपीओ ,पर्यवेक्षकों द्वारा खानापूर्ति की गई । शासन की महती योजना में अपात्र हितग्राहियों को अपात्रता के कारणों को भी समय रहते बताना था ताकि उन कमियों को दूर कर हितग्राही योजना से लाभान्वित हो सकें। लेकिन इस तरह के कृत्य से जहां हितग्राही योजना के लाभ से वंचित रह गए वहीं सरकार के प्रति भी उनमें अविश्वास की भावना पैदा होगी । बहरहाल शिकायत की प्रतिलिपि पीएमओ तक को देने का उल्लेख हुआ है । जिससे हड़कम्प मचा है।