दीपका खदान हादसा : 3 युवकों की मौत, 2 घायल, मुआवजा के लिए चक्काजाम, पुलिस से झड़प

कोरबा 23 फरवरी I एसईसीएल की खदान क्षेत्र और इससे लगे ओवरबर्डन इलाके से कोयला निकालकर बाजार में बेचकर अपनी जरूरत को पूरा करने वाले परिवार से जुड़े तीन युवकों की मौत हो गई। दीपका खदान प्रभावित व हरदीबाजार थाना क्षेत्र के कुल पांच युवक गुरुवार के दोपहर 3 बजे दीपका परियोजना खदान के बंद पड़े फेस के ओबी में घुसकर कोयला निकालने का प्रयास कर रहे थे। इस दौरान तीन युवकों के ऊपर मिट्टी का मलवा गिर पड़ा और वह दब गए। दो युवक किसी तरह बाहर निकले जिसमें से एक को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया गया जिसकी देर रात मौत हो गई। ओबी के मलबे में दबे तीन युवकों को निकालने के लिए संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन राज्य आपदा प्रबंधन टीम के साथ शुरू किया गया। स्थानीय लोगों ने भी इसमें मदद की ।


कलेक्टर अजीत वसंत और पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी एवं एसईसीएल के अधिकारियों की मौजूदगी में देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा और अंततः आज सुबह 5-6 बजे के मध्य 18 वर्षीय प्रदीप पोर्ते पिता परदेशी ग्राम बम्हनीकोना और 24 वर्षीय शत्रुघ्न कश्यप पिता चमरु कश्यप की लाश को बाहर निकाल लिया गया। वहीं तीसरा लापता ग्रामीण 17 वर्षीय लक्ष्मण पोर्ते 60 फीट नीचे गड्ढे में गिरा मिला। रेस्क्यू टीम को घायल लक्ष्मण का हाथ दिखा और फिर उसे खदान से बाहर निकाल कर विभागीय अस्पताल नेहरू शताब्दी चिकित्सालय भिजवाया गया। वहां से गहन चिकित्सा के लिए जिला अस्पताल रेफर किया गया।

इस घटना को लेकर कल दोपहर से ही ग्रामीणों में गहमा गहमी का माहौल रहा। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामवासी मौजूद रहे। यहां सुरक्षा के लिए जवान भी तैनात किए गए थे। शव बरामद होने के बाद जहां परिजनों में कोहराम मच गया वहीं गांव वासियों के द्वारा पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मांग की जाने लगी। ग्रामीणों को मौके से हटाने के लिए प्रयास के दौरान पुलिस के साथ झूमा झटकी भी हुई। इसमें कुछ लोग चोटिल भी हुए हैं।

इसके बाद गांव वालों ने हरदी बाजार थाना परिसर का घेराव कर दिया। यहां से हटाए गए तो हरदी बाजार के सरईसिंगार के पास बजरंग चौक पर चक्का जाम शुरू कर दिए। ग्रामीणों की मांग है कि मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए और पुलिस के साथ झड़प में जो महिलाएं घायल हुई हैं उनका इलाज कराया जाए। इधर भू विस्थापित नेता सपुरन कुलदीप ने एसईसीएल प्रबंधन द्वारा खदान क्षेत्र में बरती जाने वाली सुरक्षा और उत्खनन बंद होने के बाद उस क्षेत्र को प्रतिबंधित करने के साथ-साथ सुरक्षा उपायों की नजरअंदाजी करने को लेकर घटना की निंदा करते हुए पीड़ित परिवारों को 20-20 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की गई है।फिलहाल हरदी बाजार क्षेत्र में तनाव व्याप्त है।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]