प्रदेश मे महिलाओ के आर्थिक स्वावलंबन तथा उनके स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर मे सतत सुधार तथा परिवार मे उनकी निर्णायक भूमिका सुदृढ़ करने हेतु , समाज मे महिलाओं के प्रति भेदभाव , असमानता एवं जागरूकता की कमी को दूर करने , स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर मे सुधार करने तथा आर्थिक स्वावलंबन एवं सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मंत्री परिषद द्वारा सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में “महतारी वंदन योजना” लागू किए जाने का निर्णय लिया गया है , जिसके अंतर्गत पात्र विवाहित महिलाओ को प्रतिमाह 1000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी | इसके लिए आपके पास DBT Bank account होना अनिवार्य है I
जानिये क्या होता है ?
महतारी वंदन योजना छ:ग: के लिए अपने Bank account को DBT account में ऐसे बदलें DBT का फुल फॉर्म होता है (Direct benefit transfer) डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर। यह भारत सरकार की ऐसी योजना है जिसके अंतर्गत सरकार द्वारा किसी भी योजना ले तहत आर्थिक सहायता को सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में पहुंचाया जाता है। इससे भ्रष्टाचार को कम किया जा सकता है और लाभार्थी को सीधा लाभ पहुंचाया जाता है। DBT का अर्थ डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (Direct Benefit Transfer) होता है , हिन्दी में इसे प्रत्यक्ष लाभ भुगतान भी कह सकतें हैं। सरकार द्वारा अनेक योजनाओं में लाभार्थियों को अब डीबीटी (DBT) के माध्यम से ही भुगतान किया जाता है यह त्वरित भी है और इसमें भ्रष्टाचार की संभावना कम होती है ।
मतलब बिना खाते नंबर का लाभार्थी के खाते में सफलतापूर्वक पैसे भेजना। अधिकतर देखा गया है कि लोगों के आधार कार्ड और बैंक पासबुक में नाम अलग- अलग रहता है, किसी के नाम के स्पेलिंग गलत तो किसी का सरनेम गलत। इस गलती के कारण लोगों के बैंक KYC नहीं हो पाता। KYC का मतलब बैंक पासबुक में आधार लिंक होना। बैंक खाते में kyc तभी होता है जब आधार कार्ड और बैंक पासबुक में एक जैसा नाम हो, किसी भी प्रकार की त्रुटी ना हो। जब किसी योजना अंतर्गत फॉर्म भरा जाता है, भरने के दौरान भी गलती से खाता नंबर या ifsc code या बैंक का नाम इत्यादि गलती से गलत भरा जाता है। इसके कारण भी सरकार द्वारा भेजे गए पैसे अधिकांश लाभार्थियों के खाते में नहीं पहुच पाता था। पैसे नहीं मिलने के कारण से लोग इधर-उधर पैसे प्राप्त करने भटकते थे।
ऊपरोक्त कारणों से शासन DBT के मध्यम से पैसा भेजना शुरू किया। जिनका आधार कार्ड जिस बैंक में लिंक है, मतलब जिनका जिस बैंक में kyc हुआ है, उस बैंक में ऑटोमैटिक पैसा भेज दिया जाता है। चूंकि आधार नंबर सभी का एक ही होता है, इसलिए DBT के मध्यम से पैसा भेजने पर 100 % लाभार्थी के खाते में पैसा चला जाता है। सरकार द्वारा दिए जाने वाले लाभार्थियों के नगद लाभ सीधे उनके बैंक खातों में भेजने के लिए भारत सरकार द्वारा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर यानी डीबीटी (DBT) नामक एक कार्यक्रम शुरू किया गया था।
इसके जरिए अनेक लाभ सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में पहुंचाए जाते हैं। जिनमें पेंशन छात्रवृत्ति और एलपीजी सब्सिडी, महतारी वंदन योजना, लाड़ली बहना योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना आदि आते हैं। कई उद्योगों में DBT को अपनाया जा रहा है क्योंकि DBT के माध्यम से सरकार लाभार्थियों के खाते में सीधे लाभ का पैसा भेज सकती है क्योंकि आधार नंबर बैंक अकाउंट से जुड़ा होता है।
DBT वाला खाते का इतिहास
डीबीटी (DBT) यानी प्रत्यक्ष लाभ भुगतान, इस कार्यक्रम की शुरुआत 1 जनवरी 2013 को भारत के कुछ चुनिंदा शहरों में की गई थी | पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी ने 6 जनवरी 2013 को पूर्वी गोदावरी जिले में इस योजना का उद्घाटन किया था।
डीबीटी (DBT) का पहला चरण 43 जिलों में शुरू किया गया था, जिसमें शुरुआत में छात्रवृत्ति और सामाजिक सुरक्षा पेंशन शामिल थी दिसंबर 2014 से यह लगभग पूरे देश में लागू किया गया है बाद में 34 अन्य योजनाओं के साथ मनरेगा को भी डीबीटी (DBT) के तहत लाया गया।
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य भारत सरकार द्वारा अनेक योजनाओं के माध्यम से प्रयोजित धन के वितरण में पारदर्शिता लाना और भ्रष्टाचार को खत्म करना है DBT के माध्यम से लाभार्थियों के खाते में सीधे पैसों को पहुंचाया जाता है जिससे भ्रष्टाचार होने की संभावना नहीं होती है या बहुत कम हो जाती है।
महतारी वंदन योजना के लिए DBT वाला बैंक खाता कैसे चालू कराएं
किसी भी सामान्य बैंक खाते को DBT खाते में बदलने के लिए सबसे पहले आपको अपने आधार कार्ड को NPCI की सरवर से लिंक करना होता है, इसके बाद ही आपके बैंक अकाउंट का डीबीटी (DBT) एक्टिवेट हो जाएगा। इसके लिए आप निम्न उपाय करें
इसके लिए आपको अपने जिस बैंक में आपका खाता है वहाँ जाना पड़ेगा, और बैंक से या लोक सेवा केंद्रों में बैंक से DBT शुरू करने वाला फॉर्म मिलता है या सादे कागज में ब्रांच मैनेजर को पत्र लिखना पड़ेगा, पत्र/फॉर्म के साथ अपना बैंक पासबुक और अपने आधार कार्ड का छायाप्रति लगाकर बैंक में जमा करना है। बैंक में फॉर्म को जमा करने के बाद बैंक द्वारा आपके खाते में डीबीटी (DBT) ऐक्टिव कर दि जाती है।
बैंक द्वारा आपके खाते में DBT चालू करने के 15 दिन अपडेट होने मे लगता है।कुछ ही दिनों में आपका अकाउंट डीबीटी (DBT) अकाउंट बन जाएगा, जिसे आप uidai में जाकर अपने आधार नंबर और otp डालकर आसानी से चेक कर सकतें हैं।
बैंक पासबुक और आधार कार्ड में नाम अलग- अलग होने पर DBT के लिए क्या करें?
- अगर संभव हो तो इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक (IPPB) (डाँक घर) में जाएं, 200 रुपये में तुरंत DBT वाला खाता खोल दिया जाता है, जिसमें DBT 15 दिनों के अंदर चालू हो जाता है। इसके लिए केवल आधार नंबर और कोई भी चालू मोबाईल नंबर चाहिए होता है, जिसमे एक बार OTP जाता है।
- आधार कार्ड के हिसाब से अपने बैंक में जाकर आवेदन देकर अपने बैंक खाते में नाम को सुधरवाया जा सकता है।
- अगर ऊपरोक्त दोनों नहीं कर पाएंगे तब अपने बैंक पासबुक के हिसाब से आधार कार्ड को अपने नजदीकी आधार पंजीयन केंद्र में जाकर सुधार कराया जा सकता है, फिर इस सुधरे हुए आधार कार्ड को बैंक में देकर kyc कराकर खाते में DBT चालू कराया जा सकता है।
अगर खाते में DBT चालू है/ KYC हो गया है तब आप अपने खाते में अपने आधार कार्ड से कहीं से भी पैसा निकासी और जमा कर सकते हैं, बार-बार बैंक जाने की आवश्यकता नहीं होती है।
अपने कौन सा बैंक खाते में DBT चालू है, ऐसे चेक करें?
अगर आप अपने अकाउंट का डीबीटी (DBT) स्टेटस चेक करना चाहते हैं तो आपको इस वेबसाइट पर जाकर डिटेल भरकर खुद से ही चेक कर सकते हैं कि आपका अकाउंट डीबीटी (DBT) अकाउंट है या नहीं ,वेबसाइट है – resident.uidai.gov.in/bank-mapper
ऊपरोक्त लिंक में अपने आधार नंबर डालने के बाद आधार से लिंक वाला मोबाईल नंबर में एक OTP जाएगा, जिस OTP को डालने के बाद आधार का मुख्य वेबसाईट खुल जाता है, फिर उसमें Bank Seeding Status पर क्लिक करना है। जैसे –
Bank Seeding Status पर क्लिक करने के बाद अगर आपका DBT चालू है और जिस बैंक में चालू है, उसका नाम, खाते का अंतिम 4 अंक आदि दिखा देता है, और अगर DBT चालू नहीं है तो Inactive लिखा होता है, जैसे –
DBT वाला बैंक खाते का लाभ –
डीबीटी (DBT) वाला बैंक अकाउंट होने के बहुत सारे फायदे हैं जो कि निम्न है-
- भ्रष्टाचार को दूर करने में सहायता करता है।
- योजनाओं के पैसे चोरी होने के संभावना को समाप्त कर दिया जाता है।
- पैसे सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजा जाता है।
- इससे वित्तीय समावेश को बढ़ावा मिलता है
- कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है
- अधिक लोग आधिकारिक वित्तीय प्रणाली का उपयोग कर पाते हैं।
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