श्रमिकों के लिए फिर शुरू होगी पांच रुपये में भरपेट भोजन की सुविधा
कोरबा,17 फरवरी I औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों को पांच रूपये रियायत दर में भरपेट भोजन मिलेगा। श्रम संचालनालय से श्रमिक अन्न् सहायता केंद्र की शुरूआत की जा रही है। केंद्रों के संचालन के लिए कोरबा, बालकों व दीपका में स्थल तलाश की जा रही है। संचालन के लिए राज्य सरकार की ओर से निविदा की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। निर्धारित दर श्रमिकों को चावल, दाल, सब्जी के अलावा आचार की भी सुविधा मिलेगी।भाजपा के शासन काल में अन्न्पूर्णा दाल-भात केंद्र की शुरूआत की गई थी। कोरोना काल के लाकडाउन में बंद होने के इसकी फिर से शुरूआत नहीं हो सकी। सत्ता में वापसी के बाद सरकार ने इस योजना को नए सिरे से संचालित करने का निर्णय लिया है।
श्रम विभाग की ओर से संगठित व असंगठित मजदूरो के लिए श्रम विभाग की ओर से विभिन्न योजनाएं चलाई जाती है, जिनमें उनके लिए रियायत दर में भोजन भी शामिल है। शहरी क्षेत्र प्रतिदिन काम की तलाश विभिन्न ग्रामीण क्षेत्र से मजदूर आते हैं। अन्न् सहायता केंद्र की शुरूआत होने मजदूरों को सहूलित होगी। इसके अलावा वाहन चालक, दिहाड़ी मजदूर, ठेका श्रमिक आदि के लिए भी योजना सुविधाजनक होगी। तीनों जगहों में ऐसे स्थल का चिंहाकन किया जाएगा।जहां से प्रतिदिन अधिक संख्या श्रमिक आना जाना करते हैं। बताना होगा कि ऊर्जाधानी सहित उपनगरीय क्षेत्रों में 150 से भी अधिक छोटे-बड़े औद्योगिक संस्थान संचालित है। इसके लिए अलावा विभिन्न् निर्माणी कार्य के लिए मजदूर श्रम कार्य के लिए निकलते हैं। प्रतिदन ओवर ब्रिज नीचे 500 से एक हजार के बीच मजदूरों का जमावड़ा होता है।
निर्माणी कार्यों से जुड़े ठेकेदार यहां आकर मजदूरों को ले जाते हैं। पांच साल पहले पुराना बस स्टैंड और कलेक्टोरेट कार्यालय में अन्न्पूर्णा दाल-भात केंद्र का संचालन हो रहा था। जिससे में श्रमिक ही नहीं आम लोगों को भी सुविधा हो रही थी। सुविधा बंद होने से श्रमिकों को घर से ही भोजन की व्यस्था लेकर चलना पड़ रहा है। श्रमिक अन्न सहायता योजना शुरू होेने श्रमिको को राहत मिलेगी। केंद्रों के संचालन के लिए संचालनालय स्तर से ही निविदा प्रक्रिया की जा चुकी है। माना जा रहा है पखवाड़े भर के भीतर केंद्रों की शुरूआत हो जाएगी। बीपीएल व एपीएल कार्ड से सस्ते दर में जिले के तीन लाख से भी अधिक हितग्राहियों राशन की आपूर्ति की जा रही है। श्रमिक राहत के लिए चावल की आपूर्ति भी शासन की ओर से पीडीएस दुकानों से की जाएगी।
प्रतिदिन बनेगा 3000 लोगों के लिए भोजन
जिले संचालित हो रहे अधिकांश औद्योगिक संस्थानों में कैंटीन की सुविधा नहीं है। टिफिन नहीं ला पाने की स्थिति में मजदूरों भोजनालय से महंगे दर पर भोजन लेना पड़ता है अथवा होटल के सामान्य नाश्ते से ही काम चलाना पड़ता है। श्रमिक अन्न् सहायता केंद्र शुरू होने से इस तरह की असुविधा से मुक्ति मिलने के साथ रियायत दर में भरपेट भोजन मिलेगा। अन्न सहायता केंद्रों में प्रतिदिन लगभग तीन हजार लोगों के लिए भोजन बनेगा।
स्थल चयन में गड़बड़ी के कारण शुरू नहीं दालभात केंद्र
श्रमिकों को रियायत दर में भोजन देने के लिए श्रमिक कार्यालय में भी दाल भात सेंटर बना है। वर्ष 2015 में निर्मित भवन का निर्माण श्रमिक बाहुल्य क्षेत्र अथवा औद्योगिक केंद्रों के आसपास किया जाना था। भवन निर्माण के लिए 23 लाख रूपये खर्च किया गया है। स्थल चयन में की गई गड़बड़ी के इसकी शुरूआत नहीं हुई है। दालभात केंद्र खुलने से पहले खंडहर में तब्दील हो चुका है। भवन का उपयोग विभाग के स्टोररूम के रूप में किया जा रहा है।
आम लोगों को भी मिलेगी सुविधा
श्रमिक अन्न् सहायता केंद्रो में श्रमिकों के अलावा आम लोगों को रियायत दर में भोजन की सुविधा मिलेगी। शहर प्रतिदिन निजी कार्य के लिए के ग्रामीण कलेक्टोरेट, तहसील, सत्र न्यायालय सहित अन्य सरकारी कार्यालयों में निजी कार्य के लिए आते हैं। काम में देरी के कारण पूरे दिन शहर में ही गुजारना पड़ता है। बड़े भोजनालयों दर अधिक होने के कारण भूखे पेट ही दिन गुजारना पड़ता हैं। कम दाम में भोजन मिलने से लोगों को राहत होगी। रियायत दर में मजदूरों को भोजन मिल सके इसके लिए शासन स्तर पर श्रमिक अन्न सहायता केंद्र की शुरूआत की जा रही है। कोरबा शहर के अलावा दीपका व बालकों में इसका संचालन होगा।
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