शासन की जांच के बाद भी असंतुष्ट हुए तो अदालत की शरण में आएं-उच्च न्यायलय
कोरबा,15 फरवरी । छत्तीसगढ़ पीएससी में भर्ती पर फर्जीवाड़ा के मामले में पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर की जनहित याचिका उच्च न्यायलय ने रद्द कर दी है। बिलासपुर उच्च न्यायलय में दायर याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस एन.के. चंद्रवंशी की डिविजन बैंच में चल रही थी। कोर्ट ने कहा कि याचिका में की गई मांग के मुताबिक मामले में पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी, पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव, राजभवन के सचिव अमृत खलखो, परीक्षा नियंत्रक सहित अन्य अफसरों और नेताओं पर ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज कर ली है और अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच जारी है। सीबीआई जांच पर कोर्ट ने कहा कि इस पर शासन को फैसला लेना है। शासन की जांच के बाद अगर कोई पक्ष असंतुष्ट हो तो दोबारा इस अदालत में अपील कर सकता है।
पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर ने उच्च न्यायलय बिलासपुर में जनहित याचिका दायर कर सीजी पीएससी में फर्जीवाड़ा की जांच करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासनकाल के दौरान आयोजित की गई परीक्षा में कांग्रेस के नेताओं व प्रमुख अधीकारियों के स्वजनों को प्रवेश दिया गया है। सीजीपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष के ही करीब आधा दर्जन रिश्तेदारों की नियुक्ति महत्वपूर्ण पदों पर की गई। भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा का आरोप लगाते हुए 18 चयनित उम्मीदवारों की सूची भी कोर्ट के समक्ष पेश की गई। आरोप लगाया है कि यह सभी नियुक्तियां प्रभाव के चलते पिछले दरवाजे से कर दी गई।
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