कोरबा,15 फरवरी I आज दिनांक 15फरवरी-17 फरवरी तक चलने वाले छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनी अन्तरक्षेत्रीय कबड्डी प्रतियोगिता का शुभारंभ श्रम कल्याण केंद्र कोरबा पूर्व से विधिवत उदघाटन मान. हेमंत सचदेवा मुख्य अभियंता(उत्पा ) डी.एस.पी.एम. कोरबा पूर्व के मुख्य आतिथ्य एवं मान. राजीव कंसल अति. मुख्य अभियंता(संचा. एवं संघा) डी.एस.पी.एम. कोरबा पूर्व की अध्यक्षता में सम्पन्न हुईं। पी. आर. वार्ते सचिव केंद्रीय क्रीड़ा एवं कला परिषद ने कबड्डी का इतिहास बताते हुए बताया कि वैदिक काल से जुड़ा हुआ है और भारत में इसका उद्भव माना जाता है। ईरान भी कहता है कि कबड्डी के खेल का उद्भव उनके देश से हुआ है। भारत में इसे आज की तरह लोकप्रिय बनाने में तमिलनाडु और महाराष्ट्र राज्य का बहुत बड़ा योगदान है। कबड्डी यहाँ बहुत लोकप्रिय है।
कबड्डी को कई नामों से जाना जाता है। उत्तरी भारत में इसका नाम कबड्डी था। दक्षिण भारत में इसे चेडुगुडु कहते हैं। इसके बावजूद, इसका कबड्डी नाम बहुत लोकप्रिय हो गया है। कबड्डी खेल की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। 1936 बर्लिन ओलंपिक में इस खेल को पहली बार शामिल किया गया था। 1950 में स्थापित, ‘ऑल इंडिया कबड्डी फेडरेशन’ ने भारत में कबड्डी के नियम बनाने और इस खेल को बढ़ावा देने का काम किया।
गौरतलब है कि 1972 में ऑल इंडिया कबड्डी फेडरेशन को “द एमेच्योर कबड्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया” में बदल दिया गया था। कबड्डी भारत, बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान में बहुत लोकप्रिय है। बड़ी प्रतियोगिता ने व्यावसायिक बनाया और प्रसिद्ध किया -(2004 से शुरू हुआ कबड्डी वर्ल्ड कप) और 2014 से देश में शुरू हुई ‘प्रो कबड्डी लीग’ ने कबड्डी को और अधिक लोकप्रिय बनाया है। भारत की पुरुष टीम के अलावा महिला टीम भी अच्छी तरह से खेलती रही है। दोनों ही भारतीय टीमों ने कबड्डी वर्ल्ड कप में बेहतरीन प्रदर्शन किया है।
मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में कहा एक ग्रामीण अंचल का लोकप्रिय खेल वर्तमान में कबड्डी एक व्यावसायिक खेल हो गया है। सभी खिलाड़ियों को धन और सम्मान अर्जित करने लिए पर्याप्त अवसर है। मेहनत कर प्रो कबड्डी लीग द्वारा खिलाड़ियों को समुचित अवसर मिलता है कि वो अपना नाम ऊँचा कर सके। इस प्रतियोगिता में बाहर से आये खिलाड़ी कोच मैनेजर एवं स्थानीय खिलाड़ियों सच्ची खेल भावना से नियमों का पालन करते हुए अच्छे खेल का प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस प्रतियोगिता में कुल 10 टीमें भाग ले रही है lसभी टीमों को दो ग्रुप्स पुल ए एवं पुल बी में बाँटा गया है पुल ए में कोरबापश्चिम ,राजनांदगाव , बिलासपुर ,दुर्गऔर अंबिकापुर की टीमें हैं वहीं पुलबी में रायपुर रीजन, मडवा,रायपुर सेंट्रल,कोरबा पूर्व और जगदलपुर की टीमें है सभी टीमें अपने अपनेपुल में लीग मैच खेलगी। दोनों पुल की प्रथम एवं द्वितीय टॉप टीमें क्रॉस सेमीफ़ाइनल मैच खेलेंगी। फिर फाइनल मैच होगा।
आज हुए खेल में कोरबा पश्चिम , कोरबा पूर्व, बिलासपुर, मड़वा ने अपने लीग मैच में जीत हासिल की है। आज के निर्णायक अंतर्राष्ट्रीय रेफ़री बाबूलाल चंद्राकर , राष्ट्रीय रेफ़री बसंत कुमार भोंसले, स्कोरर संजय ठाकुर टेबल रेफ़री सुमित सिंग थे।
पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में गोवर्धन सिदार, सरोज कुमार राठौर,एस के डेविड, शैलेष चौधरी, , आर एस परस्तें, घनश्याम साहू, उदय राठौर, चंद्रशेखर जयसवाल, प्रवेश पाठक , आशीष शर्मा का विशेष सहयोग रहा है। सचिव पी आर वार्ते ने प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से जिन्होंने भी सहयोग दिया है सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।
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