मासूम भांजी से दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी मामा पर दोष सिद्ध, कोर्ट ने दोषी को आजीवन कारावास की सुनाई सजा

कोरबा,15 फरवरी । ढाई साल पहले मासूम भांजी से दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी मामा पर दोष सिद्ध हो गया। कोर्ट ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामला सिटी कोतवाली क्षेत्र के एक वार्ड में ढाई साल पहले 14 जुलाई 2021 को हुई थी। जहां रहने वाले 28 वर्षीय युवक के यहां उसकी 8 साल की मासूम भांजी अपने भाई के साथ खेलने पहुंची थी। भाई के वहां से जाते ही सूनेपन का फायदा उठाकर मामा ने बच्ची से दुष्कर्म किया था। बच्चे ने घर में जानकारी दी तो परिजन ने घटना की रिपोर्ट लिखाई थी। पुलिस ने मामले में पाक्सो एक्ट व दुष्कर्म का केस दर्ज कर आरोपी मामा को गिरफ्तार कर लिया था। मामला स्पेशल कोर्ट में चल रहा था। जहां शासन की ओर से अभियोजन अधिकारी अरूण कुमार ध्रुव ने पैरवी की। आरोपी पक्ष ने अपने बचाव में साक्ष्य प्रस्तुत किया। लेकिन अभियोजन की ओर से प्रर्याप्त साक्ष्य व गवाह पेश करने से आरोपी पर दोष सिद्ध हो गया। मंलवार को स्पेशल जज विक्रम प्रताप चंद्रा ने फैसला सुनाते हुए दोषी को आजीवन कारावास की सजा दी।

रिश्तेदार युवती से दुष्कर्म, 10 साल की सजा

पाली थाना के चैतमा चौकी अंतर्गत भोड़कछार गांव के धरमराज कंवर डेढ़ साल पहले 5 जुलाई 2022 को खोडरी में निवासरत रिश्तेदार परिवार के युवती को अपने साथ मंदिर दर्शन के बहाने बाइक में साथ ले गया। जहां से शहर घुमने की बात कहकर युवती को मना लिया। घुमने के दौरान उसने चाट खिलाया जिसमें कुछ मिला दिया। जिससे युवती को नींद आने लगा। धरमराज उसे शहर के मेन रोड कोरबा स्थित एक होटल में ले गया। जहां मारपीट कर धमकी देते हुए दुष्कर्म किया था। घटना के बाद पीड़िता के परिजन ने आरोपी के स्वजातिय होने से शादी करने का प्रयास किया लेकिन वह तैयार नहीं हुआ। मामले की रिपोर्ट पर पुलिस ने दुष्कर्म का मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा था। जहां शासन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजन अधिकारी रामकुमार मौर्य ने पैरवी की। आरोपी धरमराज के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर कोर्ट की जज अपर सत्र न्यायाधीध ज्योति अग्रवाल ने 10 साल की सजा सुनाई।

अगवा कर 1 लाख फिरौती मांगी, आजीवन कारावास

दीपका के बेलटिकरी बसाहट निवासी तेजप्रकाश यादव 22 करीब ढाई साल पहले एक लड़की से मिलने गेवरा बस्ती गया था। जहां से लौटते समय गेवरा बस्ती के दिवाली दास उम्र 24 , जगमोहन उर्फ नान्हू श्रीवास उम्र 21 , करण गिरी उम्र 26 व मेलू बिंझवार उम्र 20 ने मिलकर तेजप्रकाश को अगवा कर लिया था। मारपीट करते हुए उसे खंडहर मकान में रखा गया था। वहीं उसके परिजन को उसे मारने की धमकी देते हुए एक लाख रुपए फिरौती मांगी जा रही थी। पुलिस को सूचना देने पर पतासाजी करते हुए अपहृत युवक को छुड़वा लिया गया था। वहीं आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। मामले की सुनवाई मंगलवार को कटघोरा के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में हुई। जहां अतिरिक्त शासकीय लोक अभियोजक अशोक कुमार आनंद पैरवी करते हुए आरोपियों के खिलाफ दोष सिद्ध करने में सफल रहे। जिसके आधार पर न्यायलय के जज वेन्सेस्लास टोप्पो ने सटी आरोपियों को अगवा करने के ममाले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अन्य धाराओं में भी सजा हुई।